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Aligarh  किसान रजिस्ट्री के बाद बारबार नहीं होगी केवाईसी

घर बैठे करें केवाईसी

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  किसान रजिस्ट्री कराने के बाद किसानों को बार-बार केवाईसी नहीं करानी होगी. फार्मर रजिस्ट्री के बाद किसानों को एक डिजिटल पहचान पत्र यानी गोल्डन कार्ड मिलेगा. जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा. इस संबंध में  जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने आनलाइन समीक्षा बैठक ली.

जिलाधिकारी ने कहा कि कृषकों को केसीसी बनवाने के लिए व अन्य कृषि ऋण के लिए अन्य किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी. किसान रजिस्ट्री से किसानों की सत्यापन योग्यता स्थापित होती है. फार्मर रजिस्ट्री के बाद किसानों को एक डिजिटल पहचान पत्र यानी गोल्डन कार्ड मिलेगा. जिलाधिकारी ने बैठक में बताया कि फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण के बाद ही किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त का लाभ मिलेगा. फॉर्मर आईडी पंजीकरण के लिए पांच  अंतिम तिथि निर्धारित की गई है. किसान रजिस्ट्री से किसानों की आजीविका में सुधार के लिए बेहतर योजनाएं बनाई जा सकती हैं जिनका लाभ फॉर्मर आईडी पंजीकृत किसान को मिलेगा. उन्हें खाद, बीज एवं कृषि उपकरण खरीदने में सब्सिडी की सुविधा दी जाएगी. फॉर्मर-आईडी ग्राम में लगाये जा रहे शिविर (कैंप में कृषि/पंचायत विभाग के कार्मिक एवं राजस्व लेखपाल के माध्यम से तथा नजदीकी सीएससी/डिजिटल सेवा केंद्र के माध्यम से निर्धारित शुल्क देकर या स्वयं किसान भी फार्मर रजिस्ट्री सहायक यूपी एप या upfr.agristack.gov.in/farmer- registry-up/#/ पोर्टल के माध्यम से फॉर्मर आईडी बनवा सकते हैं.

किसान रजिस्ट्री बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज में जमीन की खतौनी, आधार कार्ड और एक मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक हो की आवश्यकता होगी जिससे कि ओटीपी प्राप्त किया जा सके, अधिक जानकारी अथवा किसी समस्या के लिए सम्बंधित राजस्व लेखपाल/ कृषि प्राविधिक सहायक से संपर्क कर सकते हैं. बैठक में जिलाधिकारी ने सभी 15 ब्लॉक के ग्राम प्रधानों तथा एडीओ पंचायत को निर्देशित किया कि उक्त कार्य प्राथमिकता के आधार पर संपन्न कराएं.

बैठक में जनपद को टीबी मुक्त बनाए जाने के लिए आज से चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि 2025 तक उत्तर प्रदेश को टीबी मुक्त लक्ष्य के लिए, जनपद में अभियान चला कर टीबी के मरीजों को लक्षणों के आधार पर चिह्नित करने, उनकी जांच कराने को निर्देशित किया गया. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सक्रिय क्षयरोगी अभियान-2025 के अंतर्गत क्षय रोगियों की पहचान कर उन्हें टीबी पेशेंट को मुफ्त उपचार तथा प्रतिमाह 1 हजार रुपये कुल 6 हजार की राशि दी जाएगी तथा चिह्नित कराने पर प्रति मरीज 500 की राशि सुनिश्चित की गई है.

 

 

अलीगढ़ न्यूज़ डेस्क

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