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Aligarh  हत्या में सगे भाइयों समेत पांच को उम्रकैद,अदालत ने सात साल पुराने मामले में सुनाई सजा

Dhanbad छोटे भाई की हत्या में बड़े भाई समेत 4 को उम्रकैद

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  चंडौस क्षेत्र के युवक की हत्या कर शव नहर में फेंकने के करीब सात साल पुराने मामले में पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. एडीजे-छह नवलकिशोर सिंह की अदालत ने  यह फैसला सुनाते हुए प्रत्येक दोषी पर 60-60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की 50 प्रतिशत राशि पीड़ित पक्ष को देने के आदेश दिए गए हैं.

अभियोजन पक्ष के अनुसार कस्बा चंडौस निवासी रफीक खां ने मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें बताया कि 26 वर्षीय बेटा मुस्तकीम गांव सुदेशपुर वाले घर पर रहता था. 11 अक्टूबर, 2017 को वह कस्बा चंडौस वाले मकान पर था. रात नौ बजे गांव के सगे भाई रहीस और रफीक, जहांगीरपुर (बुलंदशहर) निवासी उनके भांजे फरीद और गांव के आरिफ के साथ आए और खैर की पशु पैंठ से पशु खरीदने का कहकर मुस्तकीम को ले गए. मुस्तकीम अपने साथ 1.40 लाख रुपये लेकर गया था. अगले दिन मुस्तकीम के घर न लौटने और मोबाइल बंद मिलने पर परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की. बाद में सूचना मिली कि उसकी हत्या कर शव शादीपुर नहर में फेंक दिया गया है. तीन दिन बाद उसका शव बालमपुर के पास से बरामद हुआ. पुलिस जांच में पता चला कि रहीस और रफीक पशु चोरी और तस्करी जैसे अपराधों में लिप्त थे. मुस्तकीम उनकी मुखबिरी कर पुलिस की मदद करता था. इसी रंजिश के चलते उसकी हत्या की गई. जांच में सुदेशपुर के असरफ, अफसर और नफीस के नाम भी सामने आए. इसी आधार पर सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई. साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सगे भाई रहीस व रफीक, इनका भांजा फरीद, सगे भाई असरफ और अफसर दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. नफीस की मौत हो चुकी है जबकि, आरिफ की पत्रावली अलग चल रही है.

किशोरी के अपहरण में भाई के साले को सात साल की सजा

एडीजे पाक्सो प्रथम राजीव शुक्ल की अदालत ने क्वार्सी क्षेत्र में किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाने के मामले में अभियुक्त को दोषी करार दिया है. उसे सात साल की सजा व 75 हजार रुपए के अर्थदंड से दंड़ित किया गया है.

विशेष लोक अभियोजक ललित सिंह पुंढीर के अनुसार यह घटना पांच अप्रैल 2018 को हुई थी. मामले में क्वार्सी थाना क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी महिला ने तहरीर देकर कहा था कि उनकी 15 साल की बेटी को बेटे का साला अरुण चौहान बहला-फुसलाकर ले गया था. बाद में पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया. अरुण के खिलाफ किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाने व पाक्सो की धारा में मुकदमा दर्ज करते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए. सत्र परीक्षण, साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर अदालत ने अरुण को दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई है.

 

 

अलीगढ़ न्यूज़ डेस्क

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