
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क अलीगढ़, कानपुर व बुलंदशहर के तीन माननीयों से 11 साल बाद अपराध का दाग हटने जा रहा है. शासन स्तर से इलाहाबाद हाईकोर्ट से विधि परामर्श लेने के बाद इन माननीयों पर दर्ज मुकदमे वापिस लेने का निर्णय लिया है. यह तीनों सत्ताधारी पार्टी भाजपा से जुड़े हैं. अभियोग वापिसी के संबंध में विशेष सचिव ने तीनों जनपदों के डीएम को दिशा निर्देश दिए गए हैं.
अलीगढ़ की बरौली विधानसभा से ठा. जयवीर सिंह, कानपुर की गोविंदनगर विस सीट से सुरेन्द्र मैथानी भाजपा के विधायक हैं. वहीं बुलंदशहर निवासी बिजेन्द्र सिंह खुर्जा विस सीट से भाजपा पार्टी से ही विधायक रह चुके हैं. इन तीनों के खिलाफ फौजदारी व आचार संहिता के उल्लंघन की धाराओं में वर्ष 2014 से 2022 के बीच मुकदमे दर्ज हुए. बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्तर से तीनों माननीयों पर दर्ज अभियोग की वापिसी के संबंध में अनुमति प्रदान की गई थी. इसको लेकर शासन द्वारा हाईकोर्ट के विधि कोष्ठक द्वारा भी विधि परामर्श लिया गया. इसके बाद शासन द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-321 में उल्लिखित प्रावधानों के अभियोग को वापिस लेने की संस्तुति की गई. अब शासन के विशेष सचिव मुकेश कुमार सिंह द्वितीय ने अभियोग वापिसी के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में डीएम के स्तर से एडीएम सिटी को आदेश दिए गए हैं.
पूर्व विधायक को 2024 में सुनाई गई थी सजा
खुर्जा से भाजपा के पूर्व विधायक विजेंद्र सिंह को आचार संहिता उल्लंघन करने के आरोप में एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट ने 2024 में पांच माह का कारावास व पांच सौ रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने अपील पर जमानत देकर रिहा कर दिया. विजेंद्र सिंह 23 2017 को भाजपा प्रत्याशी के रूप में सैकड़ों समर्थकों के साथ खुर्जा स्थित जेवर अड्डे चौराहे के पास जुलूस लेकर जा रहे थे.एसआइ रामौतार ने इन्हें रोककर जुलूस निकालने की अनुमति पत्र दिखाने को कहा, लेकिन वह अनुमति पत्र नहीं दिखा सके. इसके बाद एसआइ ने खुर्जा कोतवाली में आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज करा दिया था. यह मुकदमा आठ अगस्त 2023 को अनूपशहर में एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था.
अलीगढ़ न्यूज़ डेस्क