फुटेज में देंखे अजमेर में इंदिरा देवनानी को अंतिम विदाई, भावनाओं से भरा माहौल, बेटे महेश ने दी मुखाग्नि
अजमेर उत्तर के विधायक और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की धर्मपत्नी इंदिरा देवनानी का मंगलवार को अजमेर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी शव यात्रा रामनगर स्थित निवास से प्रारंभ होकर पुष्कर रोड स्थित ऋषि घाटी मुक्तिधाम तक पहुंची, जहां परिवार और समर्थकों की मौजूदगी में उनके पुत्र महेश देवनानी ने उन्हें मुखाग्नि दी।
सुबह से ही देवनानी निवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, समाजसेवी और आमजन बड़ी संख्या में पहुंचे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, कई राज्य मंत्री, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी इस अवसर पर मौजूद रहे। श्रद्धांजलि सभा में सभी ने इंदिरा देवनानी के व्यक्तित्व और उनके सरल, सौम्य स्वभाव को याद करते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “इंदिरा जी एक स्नेहिल और सामाजिक सोच रखने वाली महिला थीं। उन्होंने हमेशा समाजसेवा और लोकहित के कार्यों में वासुदेव जी का साथ दिया। उनका जाना न केवल देवनानी परिवार के लिए, बल्कि पूरे अजमेर के लिए एक बड़ी क्षति है।”
वहीं केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि इंदिरा देवनानी हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर रहती थीं और उनका योगदान समाज में हमेशा याद किया जाएगा। श्रद्धांजलि सभा के दौरान वातावरण भावनाओं से भरा रहा। परिजनों, मित्रों और समर्थकों की आंखें नम थीं। इंदिरा जी को अंतिम बार विदा करते हुए लोगों ने कहा कि वे एक आदर्श पत्नी, स्नेहमयी मां और संवेदनशील समाजसेविका के रूप में हमेशा याद की जाएंगी।
गौरतलब है कि इंदिरा देवनानी का सोमवार देर शाम जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया था। उन्हें अचानक तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनके निधन की खबर मिलते ही अजमेर सहित पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई।
राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े अनेक लोगों ने सोशल मीडिया पर भी शोक संदेश साझा किए और देवनानी परिवार के प्रति संवेदना जताई। अजमेर की जनता, जिसे इंदिरा देवनानी ने वर्षों तक निकटता और सादगी से जोड़े रखा, आज उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दे रही थी। रामनगर से मुक्तिधाम तक की शव यात्रा में “इंदिरा जी अमर रहें” के नारे गूंजते रहे, और पूरे शहर ने उन्हें श्रद्धा और सम्मान के साथ विदा किया।

