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Agra  निबंधन ऑफिस में पहुंची एसआईटी, होंगे बयान, फर्जीवाड़े की जांच और गिरफ्तारी

Dehradun रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मामले में रजिस्ट्रार कार्यालय के संदिग्ध कर्मियों की संपत्ति की जांच

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  फर्जी बैनामा कांड की आंच कई लोगों तक पहुंच सकती है. आला अधिकारी मान रहे हैं कि यह खेल सिर्फ एक जमीन के लिए नहीं हुआ है. कई और जमीनों के मामले खुल सकते हैं.  एसआईटी की टीम तहसील स्थित निबंधन कार्यालय पहुंची. वहां कर्मचारियों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस दिए. कई जानकारियां जुटाईं. दूसरी तरफ शिकायत के लिए जारी किए गए नंबर पर एक दिन में 14 फोन आए. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि उनकी जमीन की भी इसी तरह फर्जी रजिस्ट्री कराई गई है.

जिल्द बही से असली बैनामों को गायब करके उनकी जगह फर्जी बैनामे लगाकर करोड़ों की जमीन हड़पने के सनसनीखेज मामले में  को पांच आरोपियों को जेल भेजा गया था. दो आरोपित पहले से जेल में हैं. प्रशांत शर्मा और अजय सिसौदिया को इस गैंग का सरगना बनाया जा रहा है. प्रशांत शर्मा ने अपने ससुर के नाम भी दो जमीनों के बैनामे कराए थे. दामाद के कारण बुजुर्ग ससुर को भी जेल जाना पड़ा. एसीपी सदर विनायक भोसले को एसआईटी का प्रभारी बनाया गया है. उनके निर्देश पर टीम  तहसील स्थित निबंधन कार्यालय गई थी. एसीपी ने बताया कि निबंधन कार्यालय में तैनात और पूर्व कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जाएंगे. उन्हें बयान के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं. यह जांच अभी खत्म नहीं हुई है. अभी तो जांच शुरू हुई है. इस खेल में जो भी शामिल होगा उसका जेल जाना तय है. पुलिस आयुक्त ने बताया कि पुलिस से बचने के लिए आरोपित भूमिगत हो सकते हैं. पुलिस अपनी जांच बेहद गोपनीय रखे. जिनके भी नाम प्रकाश में आएं, पहले उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाए जाएं. बिना भनक लगे आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए.

लगातार बढ़ रही हैं शिकायतें, कार्रवाई

पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड ने बताया कि इस तरह न जाने कितने लोगों की जमीन हड़पी गई होगी. इस तरह जमीन हड़पने का यह पहला मामला नहीं है. पुलिस यह मानकर चल रही है कि इस गैंग ने यह कारनामा किसी न किसी से सीखा होगा. यह खेल लंबे समय से चल रहा होगा. एसआईटी इस मामले का परत दर परत खुलासा करेगी. शिकायत दर्ज कराने के लिए मोबाइल नंबर जारी किए गए थे. 14 शिकायतें अभी तक मिल चुकी हैं.

केस दर्ज कराए जा सकते

प्रारंभिक जांच के बाद उन शिकायतों में भी मुकदमे दर्ज कराए जा सकते हैं. पुलिस प्रत्येक शिकायत की पहले जांच करेगी. लगेगा मामला सही है तो मुकदमा लिखाया जाएगा.

पुलिस आयुक्त ने बताया कि एसीपी सदर विनायक भोसले को निर्देशित किया गया है कि इस मामले में एक भी आरोपित बचना नहीं चाहिए.

फर्जीवाड़े की जांच और गिरफ्तारी

पुलिस ने फर्जीवाड़े में शामिल सेवानिवृत्त रिकॉर्ड कीपर समेत पांच आरोपियों को जेल भेजा है. इनमें देवदत्त शर्मा, बृजेश दुबे, सुमित अग्रवाल, राजकुमार और प्रो. भानु रावत शामिल हैं. सभी को जिला जेल की बैरक नंबर 9 में रखा गया है. वहीं, प्रशांत शर्मा और अजय सिसौदिया अन्य बैरकों में बंद हैं. एसआईटी उनके मुलाकात के रिकॉर्ड खंगाल रही है.

रिकॉर्ड रूम से पन्ने गायब

तहसील सदर के निबंधन विभाग के रिकॉर्ड रूम से करीब 300 पन्ने गायब पाए गए हैं. इससे जमीन मालिकों को बैनामे की मूल नकल मिलना मुश्किल हो गया है.  दो दर्जन से अधिक लोग निबंधन कार्यालय पहुंचे और अपने बैनामों की जानकारी ली. अधिवक्ताओं ने उनकी ओर से आवेदन तैयार किए.

बाहरी लोगों पर नजर

फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद रिकॉर्ड रूम में बाहरी लोगों की संख्या घट गई है. अधिकारी अब सीसीटीवी कैमरों के जरिए रिकॉर्ड रूम की निगरानी कर रहे हैं. सहायक महानिरीक्षक निबंधन एसके सिंह ने अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं.

निगरानी और कार्रवाई

तहसील परिसर में कुछ प्राइवेट लोग गोपनीय तरीके से विभाग में चल रही कार्रवाई पर नजर रख रहे हैं. उन्हें आशंका है कि कहीं थोड़े से लालच के कारण कानूनी कार्रवाई का सामना न करना पड़े.

 

 

आगरा न्यूज़ डेस्क

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