आखिर क्यों बेस्ट है वसीयत लिखने से फेमिली ट्रस्ट बनाना,जाने इससे होने वाले फायदे
बिज़नस न्यूज़ डेस्क,अपने बाद अपनी अगली पीढ़ी को संपत्ति के बंटवारे के लिए वसीयत लिखने या वकील की मदद से Will Deed तैयार कराने का तरीका नया नहीं है. इसमें लिखा जाता है कि संपत्ति में से देनदारी कितनी है और किसे कितना दिया जाना है. उसके बाद बची हुई संपत्ति का बंटवारा किसके-किसके बीच किस तरह से होगा. लेकिन संपत्ति के बंटवारे का एक और तरीका है, वह है फैमिली ट्रस्ट बनाने का. यह केवल अगली पीढ़ी को प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के लिए ही नहीं बल्कि खुद के जीवन काल में भी कई तरीके से फायदेमंद है. यहां तक कि आप इसके माध्यम से टैक्स भी बचा सकते हैं.
फेमिली ट्रस्ट वसीयत से क्यों है बेहतर
किसी व्यक्ति की वसीयत उसकी मौत के बाद ही लागू होता है. इसमें अगली पीढ़ी में किसे संपत्ति का कौन सा हिस्सा मिलेगा, इसके बारे में कोई भी तर्क नहीं दिए गए होते हैं. इस कारण इनकी ऑथेंटिसिटी को कई बार चैलेंज किया जाता है और मामला अदालत में चला जाता है. सालोंसाल तक चलने वाली कानूनी लड़ाई में संपत्ति की बर्बादी होती रहती है. अदालत का फैसला आने तक संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं ले सकता है, न ही बेच या ट्रांसफर कर सकता है. वहीं एक बार फैमिली ट्रस्ट बन जाने पर उसके सभी ट्रस्टी इसके लीगल ओनर बन जाते हैं. फैमिली ट्रस्ट वसीयत से अलग हो जाता है, इसलिए किसी व्यक्ति की मौत के बाद इसमें कोई विवाद खड़ा नहीं होता है. फैमिली ट्रस्ट बन जाने के बाद सामूहिक रूप से संपत्ति को बचाने या उसे निवेश कर फायदा उठाने की प्लानिंग की जाती है.
फाइनेंशियल सेफ्टी नेट भी देता है फैमिली ट्रस्ट
फैमिली ट्रस्ट बनाने पर इनकम टैक्स के कई नियमों के तहत टैक्स बचाने की भी प्लानिंग की जा सकती है. इसके अलावा यह कई तरह का फाइनेंशियल सेफ्टी नेट उपलब्ध कराता है. यह कई तरह के फाइनेंशियल रिस्क से भी बचाता है.