निवेशकों की सुरक्षा के लिए बाजार नियामक SEBI ने जारी किया नया सर्कुलर, जानिए मार्केट में पैसा लगाने वालों को कैसे हॉग फायदा ?
बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बाजार नियामक सेबी ने नया सर्कुलर जारी किया है। सेबी का यह सर्कुलर रिसर्च एनालिस्ट (आरए) को लेकर है। सेबी के सर्कुलर में कहा गया है कि रिसर्च एनालिस्ट को अपने क्लाइंट बेस के आधार पर डिपॉजिट रखना होगा। यह डिपॉजिट 150 क्लाइंट के लिए 1 लाख रुपये और 1,000 से ज्यादा क्लाइंट के लिए 10 लाख रुपये तक है।
डिपॉजिट का मकसद
सेबी का कहना है कि इस डिपॉजिट का मकसद निवेशकों को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराना है। डिपॉजिट रिसर्च एनालिस्ट एडमिनिस्ट्रेशन एंड सुपरवाइजरी बॉडी के नाम पर होगा। सेबी ने कहा है कि रिसर्च एनालिस्ट एक परिवार से 12,584 रुपये प्रति महीने से ज्यादा नहीं ले सकते। यह फीस सीमा सिर्फ व्यक्तिगत क्लाइंट के मामले में है।
केवाईसी डिटेल रखनी होगी
बाजार नियामक ने यह भी कहा है कि रिसर्च एनालिस्ट को क्लाइंट की पूरी केवाईसी डिटेल रखनी होगी। इसके साथ ही सेबी ने पार्ट टाइम रिसर्च एनालिस्ट को भी मंजूरी दे दी है। सेबी ने यह भी कहा है कि निवेश सलाहकार लाइसेंस वाले संस्थान भी आरए के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को राहत
सेबी ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों (सीआरए) को भी बड़ी राहत दी है। अब रेटिंग कार्रवाई की समय-सीमा कैलेंडर दिवस के बजाय कार्य दिवस के आधार पर तय की जाएगी। अपने फैसले से पहले सेबी ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों पर गठित कार्य समूह के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और फिर एक सर्कुलर जारी किया। इस कदम का उद्देश्य क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के लिए नियमों को अधिक लचीला और व्यावहारिक बनाना है।