दिल्ली विधानसभा चुनाव में महज 27 दिन बाकी हैं और इस बीच मुख्यमंत्री आतिशी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक और चिट्ठी लिखी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ 27 दिन बचे हैं और इस दौरान मुख्यमंत्री आतिशी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक और पत्र लिखा है। अपने पत्र में आतिशी ने चुनाव प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं, विशेषकर नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में वोटों के जोड़-घटाव के संबंध में मुख्य चुनाव आयुक्त से तत्काल बैठक का अनुरोध किया है। यह मामला चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता से जुड़ा है, जिसे लेकर आतिशी ने गंभीर चिंता जताई है।
आतिशी ने 5 जनवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने का समय भी मांगा, लेकिन उन्हें सिर्फ इतना बताया गया कि मामले की जांच चल रही है। हालांकि इस जवाब से संतुष्ट होने की बजाय उन्होंने दोबारा पत्र लिखकर समय मांगा है। उनका कहना है कि चुनाव प्रक्रिया को लेकर उठ रहे गंभीर मुद्दों को तत्काल प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए।
पूरे देश की नजर दिल्ली चुनाव पर है- आतिशी
इसके अलावा उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा करने में क्या समस्या है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि पूरे देश और मीडिया की नजर दिल्ली चुनाव पर है। ऐसे में चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता या संदेह की स्थिति नहीं आनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए यह बैठक आवश्यक है।
उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त से जल्द से जल्द एक बैठक आयोजित करने का अनुरोध किया है, ताकि दिल्ली चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके। आतिशी का कहना है कि यह मामला दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि चुनाव प्रक्रिया 27 दिनों में पूरी होनी है। ऐसे में उन्होंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि इस मामले को एक दिन के लिए भी न खींचा जाए और इसका तुरंत समाधान किया जाए।
चुनाव आयोग पर उठ रहे हैं सवाल- आतिशी
उन्होंने यह भी कहा कि यह मुद्दा केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सभी की निगाहें दिल्ली चुनाव पर हैं। जैसे-जैसे दिल्ली चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, चुनाव आयोग पर सवाल उठ रहे हैं। आतिशी के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली सरकार को चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर चुनाव आयोग से काफी उम्मीदें हैं और इस संबंध में कोई नरमी नहीं बरती जा सकती।