छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। लगभग एक हजार जवानों ने जंगल को घेर लिया और नक्सल विरोधी अभियान चलाया, जिसमें चार वर्दीधारी नक्सली मारे गये। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पीए ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि चारों नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। मृतकों के पास से एके-47 राइफल और एसएलआर जैसे स्वचालित हथियार बरामद किए गए। हालांकि, दंतेवाड़ा जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवान हेड कांस्टेबल सन्नू कारम नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए।
4 जिलों की टीमों ने मिलकर चलाया अभियान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले की सीमा पर दक्षिण अबूझमाड़ के जंगलों में शनिवार शाम सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। यह ऑपरेशन शुक्रवार रात, 3 जनवरी को शुरू हुआ और रविवार सुबह, 5 जनवरी को समाप्त हुआ। नारायणपुर, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, कोंडागांव जिलों की डीआरजी-एसटीएफ ने संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। चारों टीमों ने जंगल को घेर लिया और जहां भी नक्सली दिखाई दिए, उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। दूसरी ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई। इस गोलीबारी में सभी चार नक्सली मारे गए। शनिवार देर रात जब दूसरी तरफ से गोलीबारी बंद हो गई तो सुरक्षा बलों ने शवों को बरामद करने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया, जो आज सुबह पूरा हो गया।
पिछले डेढ़ साल से नक्सल विरोधी अभियान चल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि मुखबिरों से सूचना मिली थी कि दक्षिणी अबूझमाड़ इलाके में नक्सली छिपे हुए हैं। 4 जिलों की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और डीआरजी की टीमें जब एक साथ नदी-नाले पार कर जंगल में पहुंचीं तो जवानों को देखते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई की गई और शनिवार देर रात तक गोलीबारी जारी रही। पिछले डेढ़ साल में 300 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। 1,000 से अधिक नक्सलवादियों को गिरफ्तार किया गया और 800 से अधिक ने आत्मसमर्पण किया। 15 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है।