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मुख्यमंत्री मोहन यादव रविवार को उज्जैन में पशुपालन विभाग एवं विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित

मुख्यमंत्री मोहन यादव रविवार को उज्जैन में पशुपालन विभाग एवं विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव रविवार को उज्जैन में पशुपालन विभाग और विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सेमिनार में शामिल हुए। यहां उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए एक जनसभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में देश की डेयरी राजधानी बनने की पूरी क्षमता है। भारत सबसे युवा देशों में से एक है। अगर देश के युवाओं को डेयरी टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाए तो युवाओं के लिए एक नया रास्ता खुल जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी टेक्नोलॉजी पर शैक्षणिक डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है।

उज्जैन के विद्यार्थियों को मिलेगी डेयरी टेक्नोलॉजी की सुविधा
इस कोर्स के बारे में बात करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि एनिमल हसबैंड्री डिग्री कोर्स के तहत अब इसे जबलपुर के साथ-साथ उज्जैन के छात्रों को भी ऑफर किया जाएगा। आने वाले दिनों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप यह पाठ्यक्रम प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि डेयरी टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षण कौशल प्राप्त करने वाले युवा भविष्य में अपने कौशल का उपयोग कर मध्य प्रदेश को दूध उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर ले जाएंगे।

देश की डेयरी राजधानी
मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा डेयरी उत्पादक देश है। पूरे देश में डेयरी उत्पादन में मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है, इस उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 9 प्रतिशत है। राज्य में औसत डेयरी उत्पादन 673 ग्राम है, जबकि पूरे देश का औसत डेयरी उत्पादन 471 ग्राम है। राज्य की भौगोलिक स्थिति, जल संसाधन और उपजाऊ भूमि को देखते हुए हमें इस दिशा में अभी भी बहुत काम करने की आवश्यकता है। इसके बाद ही मध्यप्रदेश डेयरी के क्षेत्र में देश का नंबर वन राज्य बन सकेगा। सीएम मोहन यादव ने यह भी कहा कि राज्य सरकार राज्य को देश की डेयरी राजधानी बनाने के लिए पशुपालकों को बोनस भी देगी, जो प्रति लीटर दूध की खरीद पर आधारित होगा।

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