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लेम्बोर्गिनी उरुस के 15,000 यूनिट्स का उत्पादन किया गया जाने क्या खासियत है इसकी 

लेम्बो

लग्जरी और सुपर कार निर्माता कंपनी लेम्बोर्गिनी ने साल 2019 में अपनी लग्जरी एसयूवी लेम्बोर्गिनी उरुस को अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतारा था। इस एसयूवी को लेकर खास बात यह भी है कि लेम्बोर्गिनी उरुस अब ब्रांड के इतिहास में सबसे ज्यादा बनाई जाने वाली कार बन गई है। इस 15,000वीं लेम्बोर्गिनी उरुस को 'ग्रेफाइट कैप्सूल' कलर एंड फिनिश में असेंबली लाइन से बाहर निकाला गया है। 

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आपको बता दें कि इस विशेष लेम्बोर्गिनी उरुस मॉडल को ब्रिटिश बाजार के लिए तैयार किया गया है और वहीं पर बेचा जाएगा। भारतीय बाजार में लेम्बोर्गिनी उरुस की बात करें तो यहां पर कंपनी इसे 3.1 करोड़ रुपये, एक्स-शोरूम की कीमत पर बेच रही हैआपको बता दें कि यह कार पांच लोगों और उनके सामान के लिए बहुत ही ज्यादा स्पेस प्रदान करती है और इसके साथ ही इसका प्रदर्शन भी शानदार रहता है।

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इसके अलावा यह कार अंदर और बाहर दोनों तरफ से बहुत ही रीफाइन्ड स्टाइल के साथ आती हैउरुस के इंजन की बात करें तो इस शानदार कार में 4.0 लीटर, 8-सिलिंडर ट्विन-टर्बो वी8 इंजन दिया गया है जो 641 बीएचपी की पॉवर के साथ 850 न्यूटन मीटर का अधिकतम टॉर्क उत्पन्न करता है। यह इंजन लेम्बोर्गिनी की सबसे पॉवरफुल इंजनों में शुमार करता है।यह कार 0-100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार सिर्फ 3.6 सेकंड में पकड़ सकती है और 305 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार पर चल सकती है।

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इस कार में ऑफ रोडिंग के लिए अलग-अलग ड्राइविंग मोड दिए गए हैं। लेम्बोर्गिनी उरुस फॉक्सवैगन समूह के एमएलबी ईवो प्लेटफार्म पर आधारित है। बता दें कि इसी प्लेटफार्म पर ऑडी क्यू7 और पोर्श केयेन को भी बनाया गया है।लेम्बोर्गिनी उरुस एसयूवी में स्लिम एलईडी हेडलाइट और टेल लाइट मिलते हैं। इस कार का डिजाइन लेम्बोर्गिनी की ही हुराकन सुपरकार पर से प्रेरित है। 

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