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मानव जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य है ईश्वर प्राप्ति

Realization of god is the highest aim of life 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में ईश्वर आराधना को सर्वोत्तम माना गया है ऐसे में हर कोई परमेश्वर की प्राप्ति चाहता है आध्यात्मिक और धार्मिक तौर पर देखा जाए तो ईश्वर की प्राप्ति बेहद सरल है बस मनुष्य को अपने जीवन से कुछ चीजों को दूर करना होगा।

Realization of god is the highest aim of life 

वही धर्म ग्रंथ श्रीमद्भगवत गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने ईश्वर प्राप्ति के तीन मार्ग बताएं है जिसमें ज्ञान, कर्म और भक्ति शामिल है, तो आज हम अपने इस लेख ईश्वर प्राप्ति के मार्ग पर विशेष तौर पर चर्चा करने जा रहे है तो आइए जानते है। 

Realization of god is the highest aim of life 

जैसा की हमने बताया है कि भगवान कृष्ण ने ईश्वर प्राप्ति के तीन मार्ग बताए है जिसमें ज्ञान, कर्म और भक्ति है। ज्ञान मार्ग में सांख्य की सहायता से मनुष्य तर्क वितर्क द्वारा तत्व ज्ञान को हासिल करने की कोशिश करता है लेकिन इस तर्क वितर्क में मनुष्य अपने मार्ग से ही भटक जाता है और कर्म मार्ग में भी व्यक्ति को निष्काम भाव से कर्म करना होता है।

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ऐसे में अपने कर्म को ईश्वर को समर्पित करना पड़ता है इसलिए इसमें भी मनुष्य पूरा ध्यान नहीं लगा पाता है वही अगर भक्ति मार्ग की बात की जाए तो यह मार्ग अपने आप को पूर्णतया ईश्वर भक्ति में समार्पित कर देना होता है वह स्वयं को विचलित नहीं करता है इसलिए भक्ति मार्ग में ईश्वर प्राप्ति की पूरी संभावना होती है। 

Realization of god is the highest aim of life 

धार्मिक तौर पर इन तीनों मार्गों पर चलकर सफल होने के लिए साधक को अष्टांग योग के पहले दो चरणों को जीवन में अपनाना चाहिए जिसमें यम और नियम शामिल है। आध्यात्मिक ज्ञान के अनुसार यम में सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, अस्तेय और अपरिग्रह आते है इन सभी का पालन मानव जीवन के लिए जरूरी है वही यम और नियम को जीवन में अपनाने के लिए सर्वप्रथम ज्ञानेंद्रियों पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी होता है इस प्रकार मन के भटकने वाली सूचनाएं प्राप्त नहीं होगी और व्यक्ति सरलता से ईश्वर को प्राप्त कर सकता है। 

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