ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में कार्तिक मास को महत्वपूर्ण समय माना गया हैं इस पूरे महीने को कामनापूर्ति के माह के नाम से भी जाना जाता हैं इस महीने में कई व्रत और पर्व पड़ते हैं जिनमें अलग अलग देवी देवताओं के पूजन का विधान हैं इस मास में विशेष रूप से श्री हरि विष्णु, मां लक्ष्मी के साथ तुलसी और यमुना मां के पूजन का भी विधान हैं
कार्तिक के पूरे महीने में विशेष रूप से यमुना स्नान किया जाता है यमुना के किनारे बसी कई प्रसिद्ध धार्मिक नगरियों में कार्तिक के मेले का भी आयोजन किया जाता हैं मथुरा, वृंदावन, प्रयागराज में कार्तिक के पूरे महीने विशेष रूप से मां यमुना का पूजन किया जाता हैं।
वही कार्तिक मास में शाके समय यमुना नदी में दीपदान करने और माता यमुना की आरती करने का विधान होता हैं मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से मां यमुना के भाई यमराज अकाल मृत्यु से मुक्ति प्रदान करते हैं और रोगों का नाश भी करते हैं इसके साथ ही विष्णुपत्नि मां यमुना का कार्तिक माह में पूजन सुख और सौभाग्य प्रदान करता हैं।
यहां पढ़ें श्री यमुना जी की आरती—
ॐ जय यमुना माता, हरि जय यमुना माता
जो नहावे फल पावे सुख दुःख की दाता
ॐ जय यमुना माता
पावन श्रीयमुना जल अगम बहै धारा,
जो जन शरण में आया कर दिया निस्तारा
ॐ जय यमुना माता
जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे
ॐ जय यमुना माता
कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारो वेद कही
ॐ जय यमुना माता
आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो
ॐ जय यमुना माता
नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी
मन बेचैन भया हैं तुम बिन वैतरणी
ॐ जय यमुना माता।।