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Gemstone नीलम रत्न धारण करते वक्त इन नियमों का करें पालन, मिलेगा दोगुना फल

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ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: रत्न हर किसी के जीवन में अहम भूमिका अदा करते हैं ये व्यक्ति की सुंदरता में चार चांद लगाने का काम करते हैं साथ ही जातक की किस्मत को भी चमकाने की ताकत रखते हैं। रत्न शास्त्र में नीलम रत्न को विशेष महत्व दिया गया है जिसे ब्लू सफायर के नाम से भी जाना जाता है।

rules and significance of wearing neelam gemstone

नीलम रत्न शनि का रत्न होता है जो मनुष्य जीवन में स्थिरता, समृद्धि और सुरक्षा प्रदान करते हैं नीलम रत्न धारण करने से मानसिक शांति और स्थितरता आती है। साथ ही तनाव और चिंता भी कम हो जाती है। इस रत्न को किसी योग्य ज्योतिषीय की सलाह से धारण करना ही उत्तम माना जाता है तो आज हम आपको नीलम पहनने से जुड़े जरूरी नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

rules and significance of wearing neelam gemstoneनीलम रत्न के नियम—
ज्योतिष अनुसार नीलम रत्न को धारण करने का सबसे शुभ समय शनिवार का दिन है इस दिन सुबह 5 बजे से 9 बजे के बीच या फिर शाम को 5 बजे से 7 बजे के बीच नीलम रत्न पहनना लाभकारी होगा। नीलम रत्न को मध्यमा उंगली में ही धारण करें। नीलम रत्न को चांदी, सोना या प्लेटिनम धातु में जड़वाना अच्छा होता है इससे दोगुना फल की प्राप्ति होती है।

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नीलम रत्न को धारण करने से पहले उसे गंगाजल से पवित्र करना चाहिए इस रत्न को पहनते समय शनि मंत्र का जाप जरूर करें। इसके अलावा नीलम रत्न को एक बार पहनने के बाद इसे बार बार नहीं उतारना चाहिए। साथ ही व्यक्ति को शनिदेव की पूजा भी जरूर करनी चाहिए। 

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