ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हर किसी के जीवन में कई बार ऐसा वक्त आता है कि उसे न चाहते हुए भी कर्ज लेना पड़ता है एक बार कर्ज लेते ही ये बोझ रोज ही बढ़ता है अगर आप भी कर्ज बढ़ता जा रहा है तो आपको भगवान श्री गणेश की शरण में आना चाहिए
ज्ञान, बुद्धि, सुख समृद्धि के देवता श्री गणेश जी कर्ज से मुक्त करने वाले भी माने गए है धन संपदा का आशीर्वाद देने वाले श्री गणेश जी की पूजा बुधवार को करने के साथ ही अगर उनके चमत्कारिक ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ कर लिया जाए तो किसी भी तरह का मनुष्य पर कर्ज क्यों न हो वह उतर जाता हैं।
ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र हर प्रकार के कर्जों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है ध्यान रहे इस पाठ को करने से पहले श्री गणेश जी का ध्यान और पूजा जरूर करना चाहिए तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का संपूर्ण पाठ, तो आइए जानते हैं।
ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र—
।। ध्यान ।।
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम्।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम्।।
।। मूल-पाठ ।।
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजितः फल-सिद्धये।
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे।।१
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चितः।
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे।।२
हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चितः।
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे।।३
महिषस्य वधे देव्या गण-नाथः प्रपुजितः।
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे।।४
तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजितः।
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे।।५
भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धये।
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे।।६
शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायकः।
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे।।७
पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजितः।
सदैव पार्वती-पुत्रः ऋण-नाशं करोतु मे।।८
इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहितः।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत्।।