ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही आमतौर पर गरुड़ पुराण का पाठ किसी की मृत्यु के बाद किया जाता हैं मान्यता है कि इससे मरने वाले की आत्मा को सद्गति प्राप्त होती है क्योंकि गरुड़ पुराण के द्वारा आत्मा को मुक्ति का मार्ग मिलता हैं और उसे अपनों का मोह छोड़ने में आसानी होती हैं मगर ऐसा नहीं है कि गरुड़ पुराण केवल आत्मा को ही राह दिखाता हैं ये पुराण जीवित लोगों को भी जीवन जीने की कला सिखाता हैं।
वही गरुड़ पुराण में 19 हजार श्लोक हैं जिसमें से सात हजार श्लोकों में केवल धर्मपूर्वक और संतुलन के साथ जीवन जीने की कला बताई गई हैं इसके बाद मृत्यु और मृत्यु के बाद की यात्रा का जिक्र भी किया गया हैं अगर गरुड़ पुराण में लिखी इन बातों का नियम पूर्वक अनुसरण किया जाए तो अपने जीवन को बहुत सरल बनाया जा सकता हैं।
जानिए सुखी जीवन के मंत्र—
गरुड़ पुराण के अनुसार अगर पति पत्नी का भरोसा एक दूसरे से समाप्त हो जाए तो ऐसा परिवार टूट जाता हैं इसलिए ऐसा कोई काम न करें जिससे किसी का विश्वास आहत हो। हर परिस्थिति का धैर्यपूर्वक निपटारा करें। कहा जाता है कि पहला सुख निरोगी काया। अगर शरीर स्वस्थ है तो आप कुछ भी करने में सक्षम हैं लेकिन अगर शरीर अस्वस्थ हो गया हो क्षमताएं भी व्यर्थ हो जाती हैं इसलिए अगर आपके जीवनसाथी को कोई रोग हो जाएं, तो धैर्य रखकर पूरे विश्वास से उसकी सेवा करें और उसे स्वस्थ बनाएं। ऐसे में आपकी जीवनसाथी के साथ बॉडिंग अच्छी होगी साथ ही उसके स्वस्थ होने पर आप नुकसान की भरपाई आसानी से कर सकते हैं इसलिए किसी बात की फिक्र किए बिना जीवनसाथी को पूरी तरह ठीक करने का प्रयास करें।
अगर किसी व्यक्ति की संतान उसकी बात नहीं सुने, तो उस व्यक्ति को समाज में कई बार संतन की वजह से अपमान सहना पड़ता है इसलिए अगर अपना सुखी जीवन चाहते हैं तो अपनी संतान को अच्छे संस्कार दें और बड़ों का आदर करना सिखाएं। अगर आपसे छोटा व्यक्ति या छोटे पद का व्यक्ति आपका अपमान कर दें, तो वो स्थिति बहुत दुखदायी हो जाती हैं इसलिए ऐसी नौबत ही न आने दें। कभी छोटे व्यक्ति से बहस न करें।