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पितृपक्ष में जरूर करें इन नियमों का पालन, वरना पितर हो जाएंगे नाराज़

rules of pitru paksha follow them otherwise pitru may get angry

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पितृपक्ष को महत्वपूर्ण माना गया हैं वही पंचांग के मुताबिक आश्विन मास के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष के रूप में जाना जाता हैं इस साल पितर पक्ष 21 सितंबर यानी आज से शुरू हो चुके हैं जो ​कि 6 अक्टूबर तक रहेगा। पितर पक्ष में विशेष रूप से पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध और तर्पण करने का विधान होता हैं

पितृपक्ष 2021, पितृपक्ष, पितृपक्ष नियममान्यता है कि मृत्यु के देवता यमराज इस काल में मृत आत्माओं यानी पितरों को अपने स्वजनों से मिलने के लिए मुक्त करते हैं। इसलिए इस काल में पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध और तर्पण करना चाहिए इसके साथ ​ही पितर पक्ष में तर्पण करने वाले जातक और बाकी परिजनों को भी कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए तो आज हम आपको उन्हीं नियमों के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।  

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आपको बता दें कि जो लोग पितर पक्ष मे तर्पण करते हैं, उन्हें ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए और केवल सात्विक भोजन कर चाहिए। पितर पक्ष में स्नान के समय साबुन शैम्पू, इत्र और तेल आदि का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए। पितर पक्ष में नए वस्त्र, गहने या श्रृंगार का सामान आदि खरीदना भी अशुभ माना जाता हैं।

rules of pitru paksha follow them otherwise pitru may get angry पितृपक्ष के मय कोई भी मांगलिक या धार्मिक कार्य जैसे गृह प्रवेश, शादी, मुंडन 16 संस्कार वर्जित रहते हैं रात्रि और संध्या के समय भूलकर भी श्राद्ध कर्म नहीं करना चाहिए श्राद्ध के लिए दोपहर का कुतुप या रोहिणी मुहूर्त उत्तम माना गया हैं। पितरों का तर्पण करने के लिए पानी में दूध, तिल, कुशा, पुष्प, गंध मिला लें फिर उसमें पितरों को तृप्त करें। 

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जल से तर्पण करने पर पितरों की आत्माएं तृप्त होती हैं मान्यता है कि पितृलोक में पानी की कमी होती हैं इसलिए पितृपख के प्रत्येक दिन कम से कम जल से तर्पण देना चाहिए। पितृपक्ष में श्राद्ध वाले दिन ब्राह्मणों को भोजन करना चाहिए और वस्त्र दान करना चाहिए मान्यता है कि इससे पितरों को भोजन और वस्त्र प्राप्त होता हैं। ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद उनको दक्षिणा जरूर दें। दक्षिणा देने से श्राद्ध का पूर्ण फल प्राप्त होता हैं। पितृपक्ष में पितरों के लिए रोजाना भोजन निकाला जाना चाहिए पितर पक्ष में गाय और कौए के लिए ग्रास जरूर निकालें। 

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