लंदन ट्रेन चाकूबाजी: 'खून ही खून था', प्रत्यक्षदर्शी ने बताया खौफनाक मंजर, 10 घायल जानिए पूरी घटना
ब्रिटेन की राजधानी लंदन एक बार फिर दहशत के साये में आ गई जब शनिवार की शाम एक तेज रफ्तार ट्रेन में चाकूबाजी की घटना सामने आई। यह हादसा उस समय हुआ जब लंदन नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे (LNER) की ट्रेन डोंकास्टर से लंदन के किंग्स क्रॉस स्टेशन की ओर जा रही थी। घटना ने यात्रियों को दहला दिया और पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।
कब और कैसे हुआ हमला?
घटना शाम करीब 7:39 बजे (GMT) के आसपास हुई जब ट्रेन हंटिंगडन स्टेशन के पास पहुंच रही थी। अचानक यात्रा शांति से दहशत में तब्दील हो गई जब दो हमलावरों ने यात्रियों पर चाकू से वार शुरू कर दिए। चश्मदीदों के अनुसार, हमलावरों के हाथ में बड़े चाकू थे और वे बेकाबू होकर इधर-उधर लोगों को घायल कर रहे थे।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “चारों तरफ खून ही खून था। लोग चीख रहे थे, कोई शौचालयों में छिपा हुआ था, जबकि बाकी लोग डिब्बे के कोनों में सिमटने की कोशिश कर रहे थे।” एक अन्य यात्री ने चिल्लाकर सबको चेताया – “उनके पास चाकू है, भागो!”
हमले में कितने लोग घायल हुए?
पुलिस के मुताबिक, कुल दस लोग घायल हुए, जिनमें से नौ की हालत गंभीर बताई गई है। घायलों को तत्काल मौके पर मौजूद एम्बुलेंस और एयर एम्बुलेंस की सहायता से नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
हमलावर गिरफ्तार, जांच जारी
हमले की सूचना मिलते ही पुलिस की सशस्त्र टीम और आपातकालीन सेवाएं मौके पर पहुंचीं। पुलिस ने दो संदिग्ध हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया गया है कि गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने एक हमलावर को काबू करने के लिए टेजर (बिजली का हथियार) का इस्तेमाल भी किया।
ब्रिटिश पुलिस ने इस घटना को शुरुआती तौर पर संभावित आतंकवादी हमले के रूप में दर्ज किया है और इसे ‘प्लेटो’ कोड के तहत जांचा जा रहा है, जिसका अर्थ है कि यह किसी संगठित हिंसक प्रयास का संकेत देता है। हालांकि अभी हमले का मकसद स्पष्ट नहीं हो पाया है और जांच जारी है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह “भयावह और अमानवीय” है। उन्होंने घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की और आपातकालीन सेवाओं की त्वरित कार्यवाही की प्रशंसा की।
सुरक्षा पर उठे सवाल
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब ब्रिटेन में सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं। सार्वजनिक परिवहन प्रणाली, खासकर ट्रेन और मेट्रो में सुरक्षा व्यवस्था पर लोगों का भरोसा डगमगाने लगा है। इस घटना के बाद रेलवे सुरक्षा बढ़ाने और यात्रियों की जांच व्यवस्था पर नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है।