गुप्त परमाणु परीक्षण के आरोपों पर भड़का चीन, Donald Trump के झूठे दावों पर सुना डाली खरी-खरी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि चीन गुप्त रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहा है। ट्रंप के इस दावे से हड़कंप मच गया और चीन ने इस पर प्रतिक्रिया दी। चीन ने ट्रंप के दावे का कड़ा खंडन करते हुए कहा कि वह एक जिम्मेदार परमाणु-हथियार संपन्न देश है जो शांतिपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। ट्रंप के आरोपों का जवाब देते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि उनका देश परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के संबंध में "पहले इस्तेमाल नहीं" की नीति का पालन करता है।
माओ ने स्पष्ट किया कि चीन की परमाणु नीति पूरी तरह से आत्मरक्षा पर आधारित है और वह व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) की अखंडता को बनाए रखने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय परमाणु निरस्त्रीकरण और अप्रसार प्रणाली की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। माओ निंग ने यह भी उम्मीद जताई कि अमेरिका सीटीबीटी के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा और इस संबंध में वैश्विक व्यवस्था के नियमों का सम्मान करेगा। दरअसल, गुरुवार को दक्षिण कोरिया में शी जिनपिंग से मुलाकात से ठीक पहले, ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा कि अमेरिका तीन दशकों में पहली बार परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू करेगा।
ट्रंप ने कहा, "अगर रूस और चीन परमाणु परीक्षण कर रहे हैं, तो हम भी करेंगे।"
इसके बाद उन्होंने सीबीएस न्यूज़ के "60 मिनट्स" कार्यक्रम में अमेरिका के परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने के फ़ैसले को सही ठहराया। उन्होंने दावा किया कि रूस, पाकिस्तान, चीन और उत्तर कोरिया गुप्त रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं।
ट्रंप ने कहा, "वे (दूसरे देश) परीक्षण करते हैं, और हम नहीं करते। हमें भी परीक्षण करना होगा। रूस ने हाल ही में कुछ अलग स्तर के परीक्षण करने की बात कही थी। रूस परीक्षण करता है, चीन परीक्षण करता है, लेकिन वे इस बारे में बात नहीं करते। इसलिए अब हम भी परीक्षण करेंगे।" ट्रंप ने कहा कि इन देशों में परीक्षण भूमिगत रूप से किए जाते हैं और उनका पता लगाना मुश्किल होता है।