बांदा में केन नदी का कहर: खतरे के निशान को पार कर 40 गांवों में घुसा पानी, भारी तबाही
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में केन नदी ने रविवार को रौद्र रूप धारण कर लिया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान 104 मीटर को पार कर 104.90 मीटर पर पहुंच गया है। तेज बहाव और लगातार बढ़ते जलस्तर ने तटवर्ती गांवों में भारी तबाही मचाई है, जिससे करीब 40 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
भूरागढ़ की टंकी डूबी, जनजीवन अस्त-व्यस्त
शहर के भूरागढ़ क्षेत्र में स्थित एक पानी की टंकी पूरी तरह डूब चुकी है, जबकि दूसरी टंकी का सिर्फ ऊपरी हिस्सा ही नजर आ रहा है। इससे साफ है कि केन नदी के जलस्तर ने कितनी भयानक ऊंचाई प्राप्त कर ली है।
ये गांव सबसे ज्यादा प्रभावित
केन नदी के किनारे बसे कोलावल रायपुर, कहला, गोंडीबाबा, कनवारा, चकचटगन, पचुल्ला, दरदा, खरेई, शिवपाल डेरा, ब्रम्हाडेरा, खपटिहा, बसधरी समेत लगभग 40 गांवों में पानी भर गया है। ग्रामीणों के घरों में घुटनों से ऊपर तक पानी घुस चुका है, जिससे खाद्यान्न, मवेशी और घरेलू सामान बर्बाद हो रहा है।
प्रशासन ने जारी की चेतावनी
जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए करतल से पैलानी तक के गांवों को अलर्ट पर रहने की चेतावनी जारी की है। राजस्व विभाग, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमों को मुस्तैद कर दिया गया है। नावों और बचाव दलों की व्यवस्था शुरू की गई है ताकि ज़रूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा सके।
ग्रामीणों में भय का माहौल
गांवों में रहने वाले लोगों में भय और अनिश्चितता का माहौल है। अधिकांश ग्रामीण घर छोड़कर ऊंचे स्थानों या स्कूलों में शरण लेने को मजबूर हैं। मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
प्रशासनिक निगरानी और राहत कार्य
बांदा के जिलाधिकारी और एसपी सहित कई आला अधिकारी स्थानीय स्तर पर स्थिति की निगरानी में जुटे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों, चिकित्सा दलों और खाद्यान्न पैकेट्स की व्यवस्था की जा रही है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटे में और बारिश होने की संभावना है, जिससे जलस्तर और बढ़ सकता है। इससे हालात और बिगड़ सकते हैं।