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संतकबीरनगर में मदरसा शिक्षक पर एटीएस ने उठाए गंभीर आरोप, मदरसा सील और एनजीओ पंजीकरण रद्द

 

उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले में एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने एक मदरसा शिक्षक के संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा किया है। ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त मौलाना शमशुल हुदा खान पर आरोप है कि वह इस्लामी प्रचार के नाम पर पाकिस्तान में घूमता रहा, वहां के लोगों से संपर्क बनाए रखा और भारत में जम्मू-कश्मीर में संदिग्ध असामाजिक तत्वों से जुड़े।

एटीएस की जांच रिपोर्ट के आधार पर संतकबीरनगर पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही उसके मदरसे को सील कर दिया गया है। प्रशासन ने आजमगढ़ और संतकबीरनगर के दोनों मदरसों की मान्यता रद्द कर दी है। इसके अलावा, उसके द्वारा संचालित रजा फाउंडेशन नामक एनजीओ का पंजीकरण भी रद्द कर दिया गया है।

एटीएस अधिकारियों ने बताया कि मौलाना शमशुल हुदा खान पर लगे आरोप गंभीर हैं और इस पर नजर रखने के लिए सभी संभावित ठिकानों की जांच की जा रही है। उनका कहना है कि इस तरह की गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न कर सकती हैं।

स्थानीय प्रशासन ने कहा कि संदिग्ध गतिविधियों के चलते मदरसे और एनजीओ की मान्यता रद्द करना आवश्यक कदम था। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसे संस्थानों का उपयोग अवैध और संदिग्ध गतिविधियों के लिए न किया जा सके।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में उठाए गए कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और समाज में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। ऐसे मामलों में सख्त जांच और कार्रवाई सुरक्षा एजेंसियों की प्राथमिकता होती है।

इस घटना के बाद संतकबीरनगर और आसपास के इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस और एटीएस लगातार निगरानी कर रहे हैं ताकि कोई भी संदिग्ध गतिविधि अंजाम न पा सके। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि वह किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या संगठन की जानकारी तुरंत अधिकारियों के साथ साझा करें।

संतकबीरनगर का यह मामला यह दर्शाता है कि सुरक्षा एजेंसियां देश में आतंकवाद और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर रही हैं। मौलाना के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया जारी है और अधिकारियों ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।