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दिल्ली के बाद अब UP में भी सांस लेना हुआ मुश्किल, गाजियाबाद-मेरठ समेत 400 पार पहुंचा कई शहरों का AQI 

 

उत्तर प्रदेश में सर्दी के साथ-साथ हवा भी जहरीली होती जा रही है। मेरठ समेत दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और ग्रेटर नोएडा जिलों का हाल बेहाल है। हवा दमघोंटू हो गई है, जिससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। पिछले दो दिनों में वायु प्रदूषण का स्तर तेज़ी से बढ़ा है, जिससे मेरठ और गाजियाबाद राज्य के दो सबसे प्रदूषित शहर बन गए हैं।

नवंबर के पहले हफ़्ते में मौसम तेज़ी से बदला है। अब लोगों को सुबह और शाम हल्की ठंड का एहसास हो रहा है, वहीं कई जगहों पर सुबह के समय हल्का से मध्यम कोहरा भी दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन-चार दिनों में न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी।

गाजियाबाद राज्य का सबसे प्रदूषित शहर बना
सर्दी के साथ ही उत्तर प्रदेश के शहरों में वायु प्रदूषण का ख़तरा भी बढ़ गया है। दिल्ली से सटे ज़िलों में हवा की गुणवत्ता सबसे ज़्यादा खराब हुई है। मंगलवार, 4 नवंबर को गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहर रहा। लोनी इलाके में AQI 418 दर्ज किया गया, जो "गंभीर" श्रेणी में आता है। वसुंधरा में AQI 390, संजय नगर में 360 और इंदिरापुरम में 332 दर्ज किया गया। मेरठ में भी स्थिति बेहतर नहीं है। गंगानगर इलाके में AQI 400 दर्ज किया गया, जो "गंभीर" श्रेणी में आता है। जय भीम नगर में AQI 333 और पल्लवपुरम में AQI 312 दर्ज किया गया, जो "बेहद खराब" श्रेणी में आता है।

उत्तर प्रदेश के इन जिलों में भी दमघोंटू हवा

इसके अलावा, हापुड़ में वायु प्रदूषण का स्तर 372, बागपत में 361, नोएडा सेक्टर 116 में 353, सेक्टर 125 में 340 और ग्रेटर नोएडा में 338 दर्ज किया गया। वाराणसी शहर भी सर्दियों की शुरुआत के साथ प्रदूषण के प्रभाव का अनुभव कर रहा है। यहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक 235 के करीब पहुँच गया है, जिसे "खराब" माना जाता है। वाराणसी के ज़्यादातर इलाकों में AQI 200 से ऊपर दर्ज किया गया।

दिवाली के बाद से राज्य भर में सर्दी के मौसम के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ गया है। पिछले हफ़्ते इसमें थोड़ी कमी दर्ज की गई थी, लेकिन अब प्रदूषण का स्तर फिर से तेज़ी से बढ़ गया है, जिससे निवासियों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। बच्चे और बुज़ुर्ग ख़ास तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। प्रदूषण के कारण लोगों ने सुबह की सैर भी बंद कर दी है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पहले भी लोगों को प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी है। अस्थमा, एलर्जी और सांस की समस्याओं से पीड़ित लोगों को ख़ास तौर पर बाहर निकलते समय सभी एहतियाती उपाय करने चाहिए। इसके अलावा, आम जनता को भी शहरी इलाकों में आते-जाते समय उचित मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।