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हरियाणा में बिना वारंट कार्रवाई, एक्सक्लूसिक्त्व फुटेज में देंखे दुष्कर्म मामले के आरोपी की गिरफ्तारी में चार पुलिसकर्मी निलंबित

 

डीडवाना जिले के जसवंतगढ़ थाना क्षेत्र में दुष्कर्म के एक गंभीर मामले में आरोपी को हरियाणा से गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर अब खुद कार्रवाई कर दी गई है। जानकारी के अनुसार, आरोपी को पकड़ने के प्रयास में थाना प्रभारी जोगेंद्र सिंह और उनकी टीम ने हरियाणा में बिना वारंट कार्रवाई की थी, जिसके बाद चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

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निलंबित पुलिसकर्मियों में थाना प्रभारी जोगेंद्र सिंह, हेड कॉन्स्टेबल महेश, महिला कॉन्स्टेबल सुभिता और कांस्‍टेबल बबलेश शामिल हैं। यह कार्रवाई हरियाणा में आरोपी की गिरफ्तारी के दौरान कानूनी प्रक्रियाओं का पालन न करने और वहां की स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा दर्ज शिकायत के बाद की गई है।

घटना की पृष्ठभूमि यह है कि जसवंतगढ़ थाना क्षेत्र में एक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। शिकायत मिलने के बाद पुलिस टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिए हरियाणा का रुख किया। हालांकि, गिरफ्तारी के दौरान टीम ने बिना वारंट कार्रवाई की, जिससे कानूनी विवाद खड़ा हो गया। हरियाणा पुलिस ने इस मामले में अनधिकृत गिरफ्तारी की शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद संबंधित अधिकारियों ने जांच शुरू की।

प्रशासन के अनुसार, किसी भी मामले में अन्य राज्य में कार्रवाई करने के लिए अंतरराज्यीय कानूनी प्रक्रियाओं का पालन अनिवार्य है। बिना वारंट कार्रवाई करना कानूनी रूप से गंभीर अपराध माना जाता है और इसके परिणामस्वरूप गिरफ्तारी करने वाली टीम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

इस मामले में निलंबन का उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि कानून का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही, अधिकारियों को कानूनी प्रक्रियाओं और अधिकार क्षेत्र के नियमों का पालन करने के लिए सतर्क किया जा रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस के लिए कानून का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर जब यह अंतरराज्यीय कार्रवाई की बात हो। किसी भी राज्य के क्षेत्र में कार्रवाई करने के लिए न्यायालय से अनुमति या वारंट लेना अनिवार्य होता है। इस नियम का पालन न करना केवल व्यक्तिगत अधिकारियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विभाग की विश्वसनीयता के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है।

जसवंतगढ़ थाना क्षेत्र में दुष्कर्म के मामले ने स्थानीय और राज्य स्तर पर काफी ध्यान आकर्षित किया है। हालांकि आरोपी की गिरफ्तारी का प्रयास सफल रहा, लेकिन कानूनी प्रक्रिया की अनदेखी ने कार्रवाई को विवादास्पद बना दिया।

अभी जांच अधिकारी इस मामले की विस्तार से जांच कर रहे हैं और यह तय करेंगे कि निलंबित अधिकारियों के खिलाफ आगे क्या कानूनी कार्रवाई की जाए। वहीं, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कानून के दायरे में रहते हुए ही किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।

इस घटना से यह संदेश भी मिलता है कि पुलिस के लिए कानून और नियमों का पालन उतना ही महत्वपूर्ण है जितना अपराधियों को पकड़ना। किसी भी तरह की लापरवाही भविष्य में विभाग और आम जनता दोनों के लिए गंभीर परिणाम ला सकती है।