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 साइबर अपराध पर सत्ता पक्ष ने ही घेरा सरकार, मानसून सत्र के तीसरे दिन उठा मुद्दा

 

छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ते साइबर अपराध अब राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विधानसभा में साइबर ठगी के मामलों को लेकर गंभीर चर्चा हुई। खास बात यह रही कि इस बार सिर्फ विपक्ष ही नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया।

विधायकों ने सदन में कहा कि राज्य के शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक साइबर अपराधी सक्रिय हैं। आए दिन लोगों को फोन कॉल, लिंक, ओटीपी, और फर्जी वेबसाइट्स के जरिए ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। कई मामलों में तो लोग अपनी पूरी जीवन भर की कमाई खो बैठे हैं। इसके बावजूद पुलिस और साइबर सेल की कार्रवाई बहुत ही धीमी और सीमित नजर आती है।

सत्ता पक्ष के विधायक भी हुए मुखर

कांग्रेस विधायक ने सदन में कहा कि “हमारे क्षेत्र में हर हफ्ते कोई न कोई साइबर ठगी का शिकार हो रहा है। शिकायत करने के बाद भी पुलिस कई बार एफआईआर तक दर्ज नहीं करती। ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोगों को यह भी नहीं पता कि उनके साथ किस तरह की ठगी हो रही है।”

एक अन्य विधायक ने कहा कि साइबर अपराधी इतनी चालाकी से वारदात कर रहे हैं कि पढ़े-लिखे लोग भी भ्रमित हो रहे हैं। कई मामलों में पीड़ितों को स्थानीय पुलिस टालमटोल कर रही है, जिससे जनता में नाराजगी बढ़ रही है।

गृह मंत्री ने दिए कार्रवाई के निर्देश

विधानसभा में हो रही तीखी बहस के बीच गृह मंत्री ने माना कि साइबर अपराध एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि राज्य में साइबर सेल को और मजबूत किया जा रहा है और जिला स्तर पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की जा रही है। साथ ही आम जनता को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि जल्द ही राज्य में साइबर पुलिस स्टेशन की संख्या बढ़ाई जाएगी और इसके लिए विशेषज्ञों की भर्ती की जाएगी। उन्होंने सभी विधायकों से सहयोग की अपील की और भरोसा दिलाया कि हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

जनता की सुरक्षा सर्वोपरि

साइबर ठगी को लेकर सदन में उठा यह मुद्दा दर्शाता है कि राज्य में डिजिटल अपराध किस तेजी से पांव पसार रहा है। अब देखना होगा कि सरकार इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाती है। फिलहाल जनता को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल या लिंक से दूरी बनाए रखने की सलाह दी जा रही है।