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एक पुराना वीडियो फिर से चर्चा में आ गया है, जिसमें पूर्व भारतीय कप्तान Sourav Ganguly ने कहा था कि महिलाओं को क्रिकेट खेलना “ज़रूरी नहीं” है

 

इस वीडियो में, जो कि एक बंगाली समाचार चैनल ABP Ananda के इंटर्व्यू का है, गांगुली से पूछा गया था कि अगर उनकी बेटी सना क्रिकेट खेलना चाहे तो वह क्या कहेंगे। इस पर उन्होंने हल्के लहजे में कहा था, “मैं उसे कहूंगा कि नहीं-क्योंकि महिलाएं क्रिकेट खेलने की जरूरत नहीं रखती हैं।” यह टिप्पणी तब हल्के अंदाज़ में की गई थी, लेकिन अब जब महिला टीम ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है, तब यह वीडियो नए सिरे से सामने आकर गरम चर्चाओं का विषय बन गया है।

इस पूरे प्रसंग से हमें यह सबक मिलता है कि सपनों को उड़ान तभी मिलती है जब उन्हें समर्थन मिले, संसाधन मिले और बराबरी का मौका मिले। महिलाएं क्रिकेट खेल सकती हैं, खेल रही हैं और जीत रही हैं—यह सिर्फ एक संदेश नहीं बल्कि साक्ष्य बन चुका है।

गांगुली की उस टिप्पणी को अब नए नजरिए से देखा जा सकता है: वह उस दौर की मानसिकता का हिस्सा थी, लेकिन वर्तमान घटना — महिला टीम की जीत — यह दिखाती है कि मानसिकता बदल रही है।