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मस्जिद में सपा सांसदों की बैठक पर भड़की BJP कहा - 'क्या अब धार्मिक स्थलों को पार्टी ऑफिस बनाएगी सपा' ?

 

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव की दिल्ली में संसद भवन के बगल वाली मस्जिद में कथित बैठक पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने आरोप लगाया कि अखिलेश ने इस मस्जिद को सपा का कार्यालय बना दिया है। जिस पर अब सपा प्रमुख ने जवाब दिया है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह लोगों के बीच दूरियाँ देखना चाहती है, इसीलिए मेरे मस्जिद जाने पर विवाद खड़ा कर रही है। आस्था जोड़ती है... हालाँकि, भाजपा चाहती है कि लोग एकजुट होने के बजाय बँटे रहें। हमारी सभी धर्मों में आस्था है।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/_A6ZdFAOSqo?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/_A6ZdFAOSqo/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="“ BJP लोगों को बांटने की राजनीति…”, मस्जिद बैठक पर Akhilesh Yadav का बड़ा बयान | BJP Vs SP" width="1250">

समाचार एजेंसी से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा- मीडिया भी भाजपा के जाल में फँस गया। आस्था जोड़ती है। किसी भी धर्म में कोई भी आस्था जोड़ती है। भाजपा इस बात से परेशान है कि कोई एक-दूसरे से जुड़ता नहीं है। भाजपा लोगों के बीच दूरियाँ देखना चाहती है। अगर भाजपा परेशान है तो हम क्या करें। लोग भाजपा की चालों को जानते हैं। भाजपा का हथियार धर्म है।

दरअसल, कल अखिलेश यादव संसद भवन के बगल वाली मस्जिद में सपा नेताओं के साथ बैठे थे। जैसे ही उनकी तस्वीर सामने आई, भाजपा ने इसे मुद्दा बनाना शुरू कर दिया। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने तस्वीर शेयर करते हुए आरोप लगाया कि अखिलेश ने इस मस्जिद को सपा कार्यालय बना दिया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। साथ ही इसके खिलाफ प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया है।

तस्वीर में आप देख सकते हैं कि मस्जिद के अंदर अखिलेश यादव के साथ सपा के कई सांसद मौजूद हैं। इसमें रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी भी नज़र आ रहे हैं। वह इस मस्जिद के इमाम हैं। फ़िलहाल, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने ऐलान किया है कि 25 जुलाई को जुमे की नमाज़ के बाद वह इस मस्जिद में अखिलेश और उनके सांसद द्वारा की गई कथित बैठक का विरोध करेंगे।

उधर, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने भी इस पूरे मामले में विरोध जताया है। बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने मस्जिद के अंदर हुई कथित राजनीतिक बैठक को मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला बताया है। उन्होंने अखिलेश से माफ़ी मांगने की मांग की है। शादाब शम्स के मुताबिक, मस्जिदें आस्था का केंद्र होती हैं और वहाँ नमाज़ पढ़ी जाती है, राजनीतिक बैठकें नहीं होतीं।