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राजस्थान हाईकोर्ट ने सड़क हादसों पर स्वत, संज्ञान लिया, सरकार से रिपोर्ट तलब

 

राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। न्यायालय ने सरकार से सड़क सुरक्षा सुधार के लिए उठाए गए कदमों पर प्रारंभिक रिपोर्ट जल्दी प्रस्तुत करने को कहा है।

हाईकोर्ट हस्तक्षेप का कारण

हाल ही में फलोदी, जयपुर और जैसलमेर में हुई गंभीर सड़क दुर्घटनाओं ने न्यायालय को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर किया। इन हादसों में कई लोगों की मौत और गंभीर घायल होने की घटनाओं ने सार्वजनिक सुरक्षा और सड़क सुरक्षा के प्रति उदासीनता को उजागर किया।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नागरिकों की लापरवाही और नियमों के पालन में उदासीनता प्रदेश में सड़क हादसों की बढ़ती दर का मुख्य कारण बन रही है। अदालत ने इसे “गंभीर चिंता का विषय” बताया।

सड़क सुरक्षा के लिए न्यायालय की चेतावनी

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार को सख्त और प्रभावी उपाय अपनाने होंगे। न्यायालय ने नियामक ढांचे को मजबूत करने और ट्रैफिक नियमों के कड़ाई से पालन की आवश्यकता पर जोर दिया।

साथ ही अदालत ने संकेत दिया कि यदि प्रारंभिक रिपोर्ट में सड़क सुरक्षा सुधारों की प्रभावशीलता और निगरानी के उपाय पर्याप्त नहीं पाए गए, तो न्यायालय अधिक सख्त निर्देश और कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखेगा।

सरकारी और प्रशासनिक दिशा

सड़क सुरक्षा और यातायात विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह राज्यभर में ब्लैक स्पॉट क्षेत्र की पहचान करे और वहाँ विशेष सुरक्षा उपाय लागू करे। इसके अलावा, सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और जागरूकता कार्यक्रमों को प्रभावी बनाया जाएगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि न्यायालय का यह कदम सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के पालन के महत्व को राज्य सरकार और नागरिकों के बीच सक्रिय रूप से रेखांकित करता है।

सड़क हादसों की वर्तमान स्थिति

राजस्थान में सड़क हादसों की दर पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रही है। तेज गति, लापरवाह ड्राइविंग, शराब पीकर वाहन चलाना और सड़क अवसंरचना की कमी इसके मुख्य कारण हैं। फलोदी, जयपुर और जैसलमेर की हालिया घटनाओं ने यह साबित किया कि सुरक्षा उपायों में नाकाफी निगरानी और नागरिक जागरूकता की कमी हादसों को बढ़ा रही है