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ये हैं दुनिया का सबसे छोटा बंदर, 100 ग्राम से भी कम है इस वजन, पालने के लिए खर्च करने पड़ते हैं लाखों रूपए 

पूरी दुनिया में जानवरों की लाखों-करोड़ों प्रजातियाँ पाई जाती हैं, बंदर उनमें से एक हैं। बंदरों की भी कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं। ज्यादातर बंदर हमें अपने घरों और आस-प.........
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पूरी दुनिया में जानवरों की लाखों-करोड़ों प्रजातियाँ पाई जाती हैं, बंदर उनमें से एक हैं। बंदरों की भी कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं। ज्यादातर बंदर हमें अपने घरों और आस-पड़ोस में या कहीं यात्रा के दौरान देखने को मिलते हैं या फिर किसी को उनके साथ खेलते हुए भी देखते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे बंदर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे दुनिया का सबसे छोटा बंदर माना जाता है क्योंकि इसका वजन सिर्फ सौ ग्राम है। कई लोग इन बंदरों को पालने के लिए खरीदते हैं और इनकी कीमत इतनी होती है कि हर कोई इन्हें खरीद नहीं सकता।

दरअसल, पैग्मी मार्मोसेट (Pygmy Marmoset) प्रजाति के बंदर दुनिया के सबसे छोटे बंदर माने जाते हैं। ये बिल्कुल भी आम बंदरों की तरह नहीं हैं. इन बंदरों की सबसे खास बात यह है कि इनका आकार आलू या प्याज से भी छोटा है।ह बंदर भारत में नहीं पाया जाता है। ये बंदर दुनिया के चुनिंदा जगहों पर ही पाए जाते हैं। जानकारी के मुताबिक, बंदर की यह प्रजाति अटलांटिक, ब्राजील, पेरू, बोलीविया, इक्वाडोर और कोलंबिया के अमेज़ॅन क्षेत्रों में पाई जाती है।

अगर हम दुनिया के सबसे छोटे बंदर पिग्मी मार्मोसेट के सिर की लंबाई की बात करें तो इसका सिर केवल 117 मिलीमीटर से 152 मिलीमीटर यानी 4.6 से 6.0 इंच का होता है। वहीं, इनकी पूंछ की लंबाई 172 मिलीमीटर से 229 मिलीमीटर यानी 6.8 से 9.0 इंच तक होती है। उनके औसत वयस्क शरीर का वजन केवल 100 ग्राम होता है। ये इतने छोटे होते हैं कि इंसान की हथेली में आराम से समा जाते हैं।इन बंदरों की खास बात यह है कि ये अपना सिर 180 डिग्री तक घुमा सकते हैं। इतना ही नहीं, अपने छोटे पंजों के नुकीले नाखूनों के कारण ये पेड़ों की शाखाओं पर मजबूत पकड़ बना लेते हैं और एक शाखा से दूसरी शाखा पर 5 मीटर या 16 फीट तक छलांग लगा सकते हैं।

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