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यहाँ है दुनिया की सबसे रहस्यमयी बावड़ी, जिसकी सुरंग में गायब हो गई थी पूरी बारात

ये दुनिया रहस्यों से भरी हुई है. दुनिया में कई ऐसी रहस्यमयी चीजें हैं जिनका रहस्य आज तक पता नहीं चल पाया है। ऐसी कई रहस्यमयी चीजें औ..........
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ये दुनिया रहस्यों से भरी हुई है. दुनिया में कई ऐसी रहस्यमयी चीजें हैं जिनका रहस्य आज तक पता नहीं चल पाया है। ऐसी कई रहस्यमयी चीजें और जगहें भारत में भी मौजूद हैं। इनमें से कुछ रहस्य तो ऐसे हैं, जिन्हें आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए हैं। ऐसी ही एक रहस्यमयी जगह हरियाणा के रोहतक जिले में भी है। दरअसल, यहां एक बावरी है और यह इतनी रहस्यमयी है कि लोग इसके पास जाने से भी डरते हैं। यह रहस्यमयी बावड़ी रोहतक जिले के महम कस्बे में है। महम की इस बावड़ी को चोरों की गुफा के नाम से भी जाना जाता है। यहां बावड़ी के एक पत्थर पर फारसी भाषा में लिखा है 'स्वर्ग का झरना'।


बावड़ी में फ़ारसी भाषा में एक शिलालेख से पता चलता है कि मुग़ल बादशाह के गवर्नर सैदु कलाल ने वर्ष 1658-59 ई. में स्वर्ग के इस फव्वारे का निर्माण कराया था। मुगल काल में बनी यह बावड़ी अपने रहस्यों और कहानियों के लिए जानी जाती है। कहा जाता है कि इस रहस्यमयी बावड़ी में अरबों रुपये का खजाना छिपा है। यह भी दावा किया जाता है कि यहां सुरंगों का एक जाल है जो दिल्ली, हांसी, हिसार और पाकिस्तान तक जाता है। इस बावरी में एक कुआँ भी है। इस कुएं तक पहुंचने के लिए 101 सीढ़ियां बनाई गई थीं, लेकिन अब इस कुएं में केवल 32 सीढ़ियां ही बची हैं। वर्ष 1995 में भयानक बाढ़ आई, जिससे बावड़ी का बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।

वर्तमान में यह बावड़ी अब पुरातत्व विभाग की देखरेख में है। अब बावड़ी के चारों ओर रेलिंग लगा दी गई है और सफाई भी हो गई है। कुछ दीवारों और सीढ़ियों का पुनर्निर्माण किया गया है। इस गुफा को बुद्धिमान चोर की गुफा के नाम से भी जाना जाता है। लोगों का कहना है कि ब्रिटिश शासन के दौरान इस सुरंग के रास्ते एक बारात दिल्ली जा रही थी, लेकिन बारात में शामिल सभी लोग गायब हो गये. बारात के कई दिन बीत जाने के बाद भी सुरंग में गए बाराती न तो दिल्ली पहुंचे और न ही वापस आए.

बारात गायब होने की घटना के बाद से यह सुरंग चर्चा का विषय बनी हुई है. किसी अनहोनी के कारण अंग्रेजों ने सुरंग को बंद कर दिया था। यह सुरंग अभी भी बंद है. आपको बता दें कि हरियाणा के रोहतक जिले के महम और उसके आसपास के लोगों का कहना है कि उस समय ज्ञानी नाम का एक प्रसिद्ध चोर था और वह चोरी करने के बाद इस गुफा में छिप जाता था ताकि पुलिस उसे पकड़ न सके। वह एक शातिर चोर था, जो अमीरों को लूटकर इस बावड़ी में छिप जाता था।

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