देश का ऐसा अनोखा हनुमान मंदिर, जहां लेटे हुए हनुमान जी की होती है पूजा, इस प्रतिमा का चमत्कार देखकर मुस्लिम शासक भी हुआ था हैरान
हनुमान सात अमरों में से एक हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज भी हनुमान जी धरती पर मौजूद हैं। इसीलिए हनुमान जी के भक्तों की संख्या भी बहुत अधिक है और उनके कई मंदिर भी पूरे भारत में मौजूद हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक है प्रयागराज में लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर। इस मंदिर में लेटे हुए हनुमान जी हैं, दुनिया में ऐसा कोई दूसरा हनुमान मंदिर नहीं है। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी 13 दिसंबर को इस मंदिर के दर्शन करने वाले हैं। बजरंगबली का यह मंदिर भी बहुत चमत्कारी है और इसका चमत्कार देखकर एक बार मुस्लिम शासक भी हैरान रह गया था। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि हनुमान जी के चमत्कार के आगे किस मुस्लिम राजा को झुकना पड़ा था.
प्रयागराज में स्थित हनामन जी की लेटी हुई प्रतिमा लगभग 20 फीट ऊंची है। यह मंदिर हनुमान जी के सिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर में मां गंगा हनुमान जी को स्पर्श करती हैं और उसके बाद नीचे उतरती हैं। मान्यताओं के अनुसार, जो भी इस मंदिर में सच्ची आस्था के साथ आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
ये बात साल 1582 के आसपास की है. इस काल में भारत पर अकबर का शासन था। इस काल में मगध, बंगाल, अवध क्षेत्र में विद्रोह चल रहा था। इसी दौरान अकबर प्रयागराज आया और यहां एक किला बनवाया। हनुमान जी की इस लेटी हुई मूर्ति को अकबर भी अपने किले में लाना चाहता था। इसके लिए अकबर ने अपने सैनिकों को आदेश दिया और मूर्ति को महल में लाने के लिए कहा। घाट पर लेटे हुए हनुमान जी की मूर्ति लेने के लिए सैनिक पहुंचे और उन्होंने मूर्ति को हटाने का भरसक प्रयास किया। लेकिन सैकड़ों सैनिकों के आग्रह के बाद भी हनुमान जी की मूर्ति टस से मस नहीं हुई। कई दिनों तक प्रयास करने के बाद भी सैनिक मूर्ति को हिला नहीं सके। कहा जाता है कि इसके बाद अकबर को सपने में हनुमान जी दिखे और उन्होंने मूर्ति हटाने से रोकने का आदेश दिया. इसके बाद अकबर ने हार मान ली और काम बंद कर दिया। हनुमान जी का यह चमत्कार देखकर अकबर हैरान रह गया।
ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त प्रयाग राज में संगम में स्नान करने आता है उसे तभी शुभ फल मिलता है। लेकिन स्नान के बाद लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन करना बहुत जरूरी है। संगम स्नान के बाद हनुमान जी के दर्शन से ही धार्मिक यात्रा पूरी होती है।