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ये हैं भारत की कुछ ऐसी रहस्यमयी जगहें, जहां जाना तो दूर नाम सुनते ही कांप उठती है रूह

भारत आस्था का देश है जहां सभी देवी-देवता (भगवान राम) निवास करते हैं। यहां पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में द्वारका त.......
भारत की कुछ ऐसी रहस्यमयी जगहें, जानकर कांप उठेगी आपकी रूह

भारत आस्था का देश है जहां सभी देवी-देवता (भगवान राम) निवास करते हैं। यहां पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में द्वारका तक, उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक, हर कोने में देवी-देवता निवास करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान स्वयं यहां निवास करते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। वह सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं तथा उनके कष्टों का निवारण भी करते हैं। इसके अलावा ऋषि-मुनियों ने भी भारत के कोने-कोने में निवास किया है। ऐसे में भारत के कोने-कोने में कई ऐसी रहस्यमयी जगहें हैं, जहां से अब तक रहस्यों का खुलासा नहीं हो पाया है, तो चलिए आज के इस लेख में हम कुछ ऐसी ही रहस्यमयी जगहों के बारे में बताते हैं,

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित वृंदावन एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान है। जहां तुलसी के पौधे सबसे अधिक हैं। ऐसा माना जाता है कि रात होते ही यहां किसी को आने की इजाजत नहीं होती क्योंकि रात में राधा और कृष्ण यहां रासलीला करते हैं और इस वन में मौजूद तुलसी के पौधे गोपी बनकर उनके साथ नृत्य करते हैं। आपको बता दें कि रात होते ही मंदिर के दरवाजे अपने आप बंद हो जाते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को तुलसी का एक भी पत्ता अपने साथ ले जाने की अनुमति नहीं है। इतना ही नहीं, सुबह जब मंदिर का द्वार खोला जाता है तो अंदर रखे बिस्तर इस तरह अस्त-व्यस्त नजर आते हैं, जैसे किसी ने उन पर आराम किया हो। इस रहस्य को उजागर करने के कई प्रयास किये गये लेकिन वे असफल रहे।

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित रूपकुंड झील की कहानी कुछ अलग है। आपको बता दें कि इस झील को कंकालों की झील भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर आपको कभी भी पुरुषों के कंकाल देखने को मिल सकते हैं। अब तक कई वैज्ञानिक इस पर अध्ययन कर चुके हैं लेकिन उन्हें कुछ खास पता नहीं चला है। लोककथा के अनुसार, देवी माता बाहर से आने वाले लोगों पर क्रोधित हो जाती हैं। इसके अलावा वहां रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां अक्सर रहस्यमयी घटनाएं होती रहती हैं और अभी तक यह रहस्य बना हुआ है कि आखिर यहां अचानक नर कंकाल क्यों दिखाई देते हैं।

असम के दीमा हासो जिले की पहाड़ियों में स्थित जतिंगा घाटी को पक्षियों का आत्महत्या स्थल कहा जाता है। यहां एक या दो नहीं बल्कि पक्षियों के झुंड आत्महत्या करते हैं। जिन पीने का समय शाम 7 बजे से लेकर लगभग 10 बजे के बीच है। अब तक कोई भी यह पता नहीं लगा पाया है कि यहां एक साथ इनकी मौत के पीछे क्या कारण है? वे रात के अंधेरे में रोशनी के इर्द-गिर्द क्यों उड़ते हैं, नशे में धुत होकर इधर-उधर क्यों टकराते हैं और क्यों मर जाते हैं?पश्चिम बंगाल के दलदली इलाकों में लोगों की ऐसी मान्यता है कि यहां रहस्यमयी रोशनी दिखाई देती है। जिसे लोग भूत-प्रेतों की रोशनी मानते हैं और ऐसा माना जाता है कि जो भी मछुआरा इस रोशनी को देख लेता है, वह भटक जाता है या अपनी जान गंवा देता है। जिसके बाद उसकी आत्मा वहीं भटकने लगती है।

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