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ये है दुनिया का ऐसा अनोखा स्कूल जहां बच्चे नहीं पढ़ते है खूंखार जानवर, वीडियो देख आंखों पर नहीं होगा यकीन

बिहार अपने अजीबोगरीब मामलों को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है। अब एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां बच्चों और जानवरों के साथ पढ़ाई होती है. चौंकिए मत, स्कूलों की जर्जर हालत के कारण यहां सुअर, गाय-भैंस घूमते रहते हैं। जिससे यहां के बच्चे और शिक्षक दोनों परेशान हो रहे हैं...............
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अजब गजब न्यूज डेस्क !!! बिहार अपने अजीबोगरीब मामलों को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है। अब एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां बच्चों और जानवरों के साथ पढ़ाई होती है. चौंकिए मत, स्कूलों की जर्जर हालत के कारण यहां सुअर, गाय-भैंस घूमते रहते हैं। जिससे यहां के बच्चे और शिक्षक दोनों परेशान हो रहे हैं.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश का राज्य भर में पालन किया जा रहा है. रोज सुबह शिक्षक और बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं. उपस्थिति को भी ऑनलाइन ट्रैक किया जा रहा है और स्कूलों में रौनक देखी जा रही है। लेकिन आज भी ऐसे कई स्कूल हैं जहां उपस्थिति के मामले में बच्चों और शिक्षकों की स्थिति में सुधार हुआ है। लेकिन आज तक स्कूलों की स्थिति नहीं सुधरी. उन्हीं स्कूलों में से एक स्कूल ऐसा भी है, जहां बच्चों के साथ जानवर भी घूमते हैं और कभी-कभी भैंस तो कभी सूअर जैसे जानवर भी बच्चों के साथ स्कूल में आते हैं।

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ऐसी ही तस्वीर जिला मुख्यालय स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय कल्याणपुर में हर दिन देखने को मिल जायेगी. जहां स्कूल में बच्चे और जानवर घूमते दिख जाएंगे. ज्ञात हो कि जमुई जिला मुख्यालय का उत्क्रमित मध्य विद्यालय कल्याणपुर चर्चित विद्यालयों में से एक है. जहां एक शिक्षक जितेंद्र शार्दुल अपने पढ़ाने के अनोखे अंदाज को लेकर वायरल हो गए हैं.

स्कूल में लगभग 300 बच्चों का नामांकन है और दैनिक उपस्थिति भी अच्छी है। लेकिन स्कूल में सुविधाओं की कमी के कारण बच्चों के साथ जानवर भी स्कूल में नजर आते हैं. स्कूल परिसर के पीछे एक ऐसी नाली बहती है, जो इन जानवरों के लिए स्विमिंग पूल की तरह है. जहां सुबह से शाम तक जानवर नहाते और तैरते नजर आएंगे।

स्कूल की हालत ऐसी है कि बच्चे सीवर की बदबू और सड़ांध के बीच पढ़ते हैं. चहारदीवारी नहीं होने से बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं और कोई भी आवारा जानवर स्कूल में घुस आता है। यहां के शिक्षकों का कहना है कि इस संबंध में विभाग को कई बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन कोई असर नहीं दिख रहा है और आज तक स्कूल की स्थिति जस की तस बनी हुई है. स्कूल में कई छोटे बच्चे भी हैं जिन्हें जानवर नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन सब डर के बीच बच्चों को रोज स्कूल आना पड़ रहा है और बच्चे इसी माहौल में पढ़ाई कर रहे हैं.
 

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