क्या आप जानते है किस शख्स को कहा जाता है गणित का जादूगर ? यहाँ जाने
बच्चे कम उम्र से ही गणित से डरने लगते हैं। इस कारण बड़े होने पर भी वे इस विषय से दूर भागने लगते हैं। लेकिन कुछ लोगों को ये विषय इतना पसंद आता है कि वो इसके जादूगर बन जाते हैं. वे न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में ल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में भी गणित का उपयोग करके अपने जीवन को आसान बनाते हैं। रोमानिया में एक ऐसा शख्स था, जिसकी गणित (Mathematician winlottery 14 बार) इतनी अच्छी थी कि उसने इसका इस्तेमाल खुद को अमीर बनाने के लिए किया और मोटी कमाई करने लगा, लेकिन इसके बावजूद उसकी किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया और वह गरीब हो गया
डेली स्टार वेबसाइट के मुताबिक, रोमानिया के रहने वाले स्टीफन मंडेल एक गणितज्ञ थे। उन्हें सैलरी में सिर्फ 7 हजार रुपये मिलते थे. उन्होंने गणित का उपयोग करके जीवन बदलने और पैसा कमाने के बारे में सोचा। उन्होंने गणित का उपयोग करके एक सरल फॉर्मूला तैयार किया, जिसके माध्यम से उन्होंने बड़े पुरस्कार जीतने शुरू कर दिए। लेकिन उन्हें अपने-अपने तरीके से अलग-अलग देशों में जाकर रहना पड़ा।
न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक स्टीफन 90 साल के हैं. काफी शोध के बाद, उन्होंने एक नंबर चुनने वाला एल्गोरिदम विकसित किया। इसका नाम "कॉम्बिनेटोरियल कंडेनसेशन" था। उन्होंने लॉटरी में संख्याओं की सभी तुलनाओं पर पाया कि लॉटरी खेलने के लिए बहुत सारे टिकट खरीदने की लागत लॉटरी के जैकपॉट से बहुत कम है। यानी लॉटरी जीतने के लिए वह ढेर सारे टिकट खरीदते थे और उनका अलग-अलग कॉम्बिनेशन तैयार कर जैकपॉट जीत लेते थे. इस तरह उसने मुनाफा कमाना शुरू कर दिया.
यदि आपको किसी खेल में 1 से 40 के बीच 6 संख्याओं का चयन करना है तो उस स्थिति में उन संख्याओं से 38,38,380 संयोजन बनाए जा सकते हैं। इस वजह से स्टीफन ने एक लॉटरी सिंडिकेट बनाया. ये कुछ लोग थे जिन्होंने अपना पैसा जमा किया और उसी समय लॉटरी भी खेली। वे एक साथ टिकट खरीदते हैं, जिससे उनके जीतने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने अपने सिंडिकेट के साथ मिलकर बहुत सारे टिकट खरीदे और सबसे बड़ा इनाम, लगभग 16 लाख रुपये हासिल किया। जब उन्होंने मुनाफे का बंटवारा किया तो उनके हाथ 3 लाख रुपये आए, जिसके चलते उन्होंने देश छोड़ दिया और अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ ऑस्ट्रेलिया में बस गए। वो 1960 का दौर था.
स्टीफन मैंडेल की इस पद्धति के कारण उन्होंने अपने सिंडिकेट के साथ कुल 14 बार लॉटरी जीती। मजेदार बात यह थी कि उनका यह तरीका पूरी तरह कानूनी था. इन बड़ी जीतों के आधार पर, स्टीफन ने अपने निवेशकों को एक बड़ा लोट्टो सिंडिकेट बनाने के लिए राजी किया। इसमें 1 सिंडिकेट मैनेजर सभी टिकट खरीदता था और फिर पैसे आपस में बांट लेता था. उन्होंने अपनी तकनीक में सुधार किया और धीरे-धीरे इसे स्वचालित बना दिया। इसके जरिए उन्होंने यूके और ऑस्ट्रेलिया में लॉटरी जीती। लेकिन तभी जांच एजेंसियों की नजर उस पर पड़ी. उस समय उनका तरीका गैरकानूनी नहीं था इसलिए नियम बदले गए और थोक में टिकट खरीदने पर रोक लगा दी गई. उन्होंने एक कंपनी बनाई, थोक टिकटें खरीदीं और इस तरह खूब पैसा कमाया। लेकिन धीरे-धीरे वह अमेरिकी सीआईए की नजर में आ गया. चूंकि उसका तरीका गैरकानूनी नहीं था, इसलिए उसके सामने कोई खतरा नहीं था, लेकिन असल में वह संदेह के घेरे में आने लगा.