जहां रहते हैं लाखों देवी देवता, अंधेरी सुरंग में छिपे है अनगिनत रहस्य! जानकर रह जाएंगे हैरान

दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं जो रहस्यमयी हैं। छत्तीसगढ़ में भी एक ऐसी ही रहस्यमयी जगह है। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक ऐसी ही प्राचीन रहस्यमयी गुफा है। ऐसा कहा जाता है कि इस गुफा में कई देवी-देवता निवास करते हैं। यह भी कहा जाता है कि गुफा में अपार खजाना है, जहां खजाने का लालच केवल अपने प्राणों की बलि देकर ही मुक्त हो सकता है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग संभाग में आने वाले बलौद जिले के आदिवासी ब्लॉक डौंडी के छोटे से गांव देवपांडुम के आसपास बहने वाले खूबसूरत झरने, नदियां, पहाड़ और जंगल लोगों का मन मोह लेते हैं।
इस गांव में एक नदी है और नदी के पास पहाड़ और पत्थरों के बीच एक गुफा बनी हुई है। यह गुफा अपने अंदर कई रहस्य समेटे हुए है। स्थानीय लोगों के लिए यह आस्था से जुड़ा एक शक्ति केंद्र है, जिसके साथ कई कहानियां जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि इस नदी में अलौकिक शक्ति है। देवपांडुम स्थित गुफा और उसके पास बहने वाले झरने के प्रति लोगों की गहरी आस्था है, क्योंकि मूलतः प्रकृति पूजक आदिवासी मानते हैं कि यह स्थान देवी-देवताओं का निवास स्थान है।
इस क्षेत्र के आसपास के 12 गांवों के ग्रामीणों का मानना है कि झरने के पीछे करीब दो किलोमीटर की दूरी पर जंगलों से निकल रही छोटी नदी में कोई अलौकिक शक्ति है। इस नदी के पानी से बहने वाला झरना 12 महीने पानी से भरा रहता है। लेकिन इस झरने से भी ज्यादा दिलचस्प है इसके पास बनी सुरंगनुमा गुफा, क्योंकि कोई नहीं जानता कि उस गुफा के अंदर क्या है।
यह रहस्यमयी गुफा प्राकृतिक है या मानव निर्मित, इसका रहस्य आज तक कोई नहीं जान पाया है। स्थानीय ग्रामीण हरेली, होली सहित कई अन्य त्योहारों के दौरान गुफा के सामने देवताओं की मूर्तियों की पूजा करते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि ब्रिटिश शासन के दौरान कुछ राजाओं ने अपने खजाने को सुरक्षित रखने के लिए उसे एक गुफा में छिपा दिया था। कई बार खजाना निकालने की कोशिश की गई, लेकिन कोई भी सफल नहीं हो सका, क्योंकि जो भी खजाना निकालने की नीयत से गुफा के पास जाता है, उसकी मौत हो जाती है।