
हमारा संसार अनेक रहस्यों से भरा है जिनके बारे में मनुष्य बहुत कम जानता है। आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां सिर्फ बौने बच्चे ही पैदा होते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इन बच्चों की लंबाई बुढ़ापे तक नहीं बढ़ती। इसी कारण इस पूरे गांव में सिर्फ बौने ही रहते हैं। इस गांव को अब शापित गांव कहा जाता है। यह गांव चीन में स्थित है। यह गांव चीन में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में रहस्य बना हुआ है। यह शापित गांव चीन के सिचुआन प्रांत में है। इसका नाम यांग्त्ज़ी है। आपको बता दें कि यांग्सी नाम के इस गांव में ज्यादातर आबादी छोटे कद की है। इस गांव की कुल आबादी का पचास प्रतिशत हिस्सा बौनों का है।
इनकी कुल लंबाई 2 फीट से लेकर 3 फीट तक होती है। कहा जाता है कि चीन के इस गांव में पैदा होने वाले बच्चों की लंबाई 5 से 7 साल की उम्र तक तो सामान्य रूप से बढ़ती है, लेकिन उसके बाद रुक जाती है। यानि इनकी लंबाई 2 फीट से लेकर 3 फीट 10 इंच तक रहती है और इसके बाद इनकी लंबाई में ब्रेक आ जाता है। इनमें से कुछ लोगों की लंबाई 10 वर्ष की आयु तक बढ़ती है।
इस गांव के आसपास रहने वाले लोगों का मानना है कि इस गांव पर किसी बुरी शक्ति का साया है, जिस कारण यहां के लोगों की लंबाई नहीं बढ़ पाती। वहीं दूसरी ओर ऐसी मान्यता है कि यह गांव प्राचीन काल से ही श्रापित है, जिसका असर आज भी गांव पर देखने को मिलता है। हालाँकि, पिछले 60 सालों में लोगों के बौने बनने के पीछे के रहस्य के बारे में किसी को कुछ पता नहीं चल पाया है। वैज्ञानिकों ने भी इसका पता लगाने की काफी कोशिश की लेकिन इसके रहस्य के बारे में नहीं जान सके।
इस गांव के बुजुर्गों का कहना है कि कई दशक पहले इस गांव में एक खतरनाक बीमारी फैली थी। आज भी बीमारी के कारण इस गांव के बच्चों की लंबाई कुछ समय बाद बढ़नी बंद हो जाती है। चीन के इस गांव में पिछले 60 सालों से ऐसा होता आ रहा है। इस गांव में लोगों के बौनेपन को लेकर कई बार शोध भी किए गए, लेकिन आज तक वैज्ञानिक इस समस्या का समाधान नहीं ढूंढ पाए। इतना ही नहीं गांव के प्राकृतिक संसाधनों पर भी कई शोध किए गए लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिले।यांगसी गांव के बारे में कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी मिट्टी में पारा का स्तर बहुत अधिक है। जिसके कारण लोगों की हाइट नहीं बढ़ती। साथ ही बौनेपन का कारण वे जहरीली गैसें भी हो सकती हैं जो जापान ने कई साल पहले चीन में छोड़ी थीं। खैर, कारण जो भी हो, यह रहस्य आज भी बना हुआ है।