दुनिया की ऐसी अनोखी जनजाति, यहां जवान होते ही काट दिए जाते हैं लड़कियों के होंठ, वजह है बेहद ही चौकाने वाली
आज भी दुनिया भर में कई ऐसी जनजातियां हैं जिनके रीति-रिवाज और परंपराएं ऐसी हैं जिन्हें जानकर कोई भी हैरान हो जाएगा। आज हम आपको दुनिया की एक ऐसी जनजाति के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनिया की सबसे खतरनाक जनजाति मानी जाती है। इस जनजाति में लड़कियों के 15-16 साल की उम्र होते ही उनके होंठ काट दिए जाते हैं। इतना ही नहीं इस जनजाति के लोग जानवरों का खून भी पीते हैं।हम बात कर रहे हैं पूर्वी अफ्रीका के इथियोपिया में पाई जाने वाली एक जनजाति की। जिसे 'मुर्सी' के नाम से जाना जाता है। इस जनजाति के लोगों का मानना है कि किसी को मारे बिना जीने से बेहतर है मर जाना। यानि कि इस जनजाति के लोगों को हत्या करना पसंद है। इसीलिए इन्हें दुनिया की सबसे खतरनाक प्रजाति माना जाता है। यह जनजाति दक्षि इथियोपिया और सूडान सीमा के पास स्थित ओमान घाटी में पाई जाती है। कहा जाता है कि इस जनजाति की आबादी करीब 10 हजार है.
इस जनजाति की क्रूरता का पता इसी बात से चलता है कि जैसे ही इस जनजाति की लड़कियां 15-16 साल की उम्र में पहुंचती हैं, उनके निचले होंठ में मिट्टी से बनी डिस्क या लकड़ी की गोल डिस्क डाल दी जाती है। इसके लिए सबसे पहले उसके होंठ काटे जाते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से वे लोगों की बुरी नजर से बचे रहते हैं। जहां उनकी सुरक्षा के लिए होंठ के निचले हिस्से में एक डिस्क लगाई जाती है। इसे लगाने का कारण उन्हें गुलामों की खरीद-फरोख्त करने वाले व्यापारियों से बचाना है। आदिवासी बुजुर्गों के अनुसार, इससे महिलाओं की सुंदरता कम हो जाती है और वे कम आकर्षक दिखने लगती हैं। यह प्रथा अब अफ़्रीका में केवल मुर्सी, चाई और तिरमा जनजातियों के बीच जारी है।
इसके अलावा इस जनजाति में शादी को लेकर भी एक परंपरा है। ऐसा कहा जाता है कि यहां पुरुष महिलाओं के लिए लाठियां खाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो पुरुष लड़ाई जीतता है उसे सबसे खूबसूरत पत्नी मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि यहां लोग अधिकारों के लिए लड़ते हैं, जहां दो लोग किसी बात को लेकर आपस में लड़ते हैं और यह लड़ाई तब तक नहीं रुकती जब तक उनमें से एक की मौत न हो जाए। इसके अलावा इस जाति के लोग लड़ने से पहले जानवरों का खून पीते हैं। ऐसा माना जाता है कि जानवरों का खून पीने से वे मोटे और मजबूत हो जाते हैं, जिससे उन्हें जनजाति में सम्मान मिलता है।