ऐसा गांव जहां होली के दिन पुरूषों को गांव से निकाल देती हैं महिलाएं, नहीं तो मिलती है ऐसी सजा

भारत विविधताओं और अनोखी परंपराओं का देश है। हर राज्य, हर गांव की अपनी अलग संस्कृति और रीति-रिवाज होते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां होली पर एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। इस गांव में होली के दिन पुरुषों को गांव से बाहर निकाल दिया जाता है। और अगर कोई पुरुष इस नियम को तोड़ने की कोशिश करता है, तो उसे एक अजीब और दिलचस्प सजा दी जाती है।
यह परंपरा उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ सीमावर्ती गांवों में निभाई जाती है। यहां होली के दिन पूरे गांव की सत्ता महिलाओं के हाथों में आ जाती है। महिलाएं इस दिन गांव की संरक्षक बन जाती हैं और पुरुषों को गांव से बाहर कर देती हैं। पुरुष अगर गांव में रुकने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें महिलाओं द्वारा लाठियों से पीटा जाता है। इस परंपरा को लोग हंसी-मजाक और उत्सव का हिस्सा मानते हैं, लेकिन इसकी जड़ें समाज में महिलाओं के सम्मान और अधिकारों को दर्शाने वाली परंपराओं से जुड़ी हुई हैं।
गांव की बुजुर्ग महिलाएं बताती हैं कि यह परंपरा सदियों से निभाई जा रही है। ऐसा कहा जाता है कि यह रिवाज़ महिलाओं की स्वतंत्रता और अधिकारों को प्रतीकात्मक रूप से दिखाता है। होली के दिन महिलाओं को न केवल गांव का नियंत्रण मिलता है, बल्कि वे अपने तरीके से त्योहार मनाने का पूरा हक भी प्राप्त करती हैं। पुरुष इस दिन पास के जंगलों या किसी दूसरे गांव में जाकर समय बिताते हैं और शाम को ही वापस आते हैं।
इस परंपरा में मजेदार हिस्सा तब आता है, जब कोई पुरुष चोरी-छुपे गांव में घुसने की कोशिश करता है। अगर वह पकड़ा जाता है, तो महिलाओं द्वारा रंग-गुलाल लगाने के साथ-साथ उसे लाठियों से हल्की फुल्की सजा दी जाती है। हालांकि यह सब हंसी-मजाक और उत्साह का हिस्सा होता है और किसी को गंभीर चोट नहीं पहुंचाई जाती।
गांव के लोग इस अनोखे रिवाज को बड़ी श्रद्धा और उत्साह से निभाते हैं। उनका मानना है कि यह परंपरा उनके पूर्वजों द्वारा दी गई विरासत है, जिसे संजोकर रखना उनका फर्ज है। युवतियां और लड़कियां इस दिन को सालभर का सबसे बड़ा उत्सव मानती हैं, जहां उन्हें खुलकर मस्ती करने का मौका मिलता है।
इस अनोखी होली ने अब बाहरी दुनिया का ध्यान भी खींचा है। कई पर्यटक और रिसर्चर इस उत्सव को देखने के लिए गांव में आते हैं। उनके लिए यह अनुभव अनूठा और रोमांचक होता है। कैमरों में कैद होते हैं वे दृश्य, जहां महिलाएं गांव की सड़कों पर लाठियां लेकर घूमती हैं और पुरुष खुद को बचाने के लिए भागते नजर आते हैं।
इस गांव की होली यह सिखाती है कि परंपरा और उत्सव केवल रंगों का खेल नहीं, बल्कि समाज में बराबरी और सम्मान का संदेश भी दे सकते हैं। यहां हर साल यह रिवाज यह याद दिलाता है कि एक दिन पूरी दुनिया में महिलाओं को वह सम्मान और अधिकार मिलेगा, जो वे सदियों से मांगती आई हैं।