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झुंझुनू : देश को सबसे ज्यादा फौजी देने वाले झुंझुनूं में मूर्तिकार बना रहे हैं शहीदों की मूर्तियां, ढाई साल में 400 से ज्यादा प्रतिमाएं तैयार हों चुकीं; हर गांव में लगेगी निशुल्क

देश को सर्वाधिक फौजी राजस्थान के झुंझुनूं जिले ने दिए हैं। यह ही वो इलाका है जहां के सैकड़ों बहादुर बेटे वतन पर मर मिटे हैं। इस बात का सबूत गांव-गांव में मौजूद शहीद प्रतिमाएं और ढाणी-ढाणी में रह रहे शहीद फौजियों के परिवार हैं। इसी झुंझुनूं में शहीदों की बटालियन भी है। झुंझुनूं जिला
झुंझुनू : देश को सबसे ज्यादा फौजी देने वाले झुंझुनूं में मूर्तिकार बना रहे हैं शहीदों की मूर्तियां, ढाई साल में 400 से ज्यादा प्रतिमाएं तैयार हों चुकीं; हर गांव में लगेगी निशुल्क

देश को सर्वाधिक फौजी राजस्थान के झुंझुनूं जिले ने दिए हैं। यह ही वो इलाका है जहां के सैकड़ों बहादुर बेटे वतन पर मर मिटे हैं। इस बात का सबूत गांव-गांव में मौजूद शहीद प्रतिमाएं और ढाणी-ढाणी में रह रहे शहीद फौजियों के परिवार हैं। इसी झुंझुनूं में शहीदों की बटालियन भी है। झुंझुनूं जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर गांव खुडानिया में शहीदों की यह बटालियन वीरेन्द्र सिंह शेखावत ने तैयार की है। आपको यह जानकर आश्चर्य भी होगा कि कोरोना महामारी के चलते शहीदों की बटालियन को भी मास्क लगाया गया है ताकि कोरोना को लेकर आम लोगों को संदेश दिया जा सके। मूर्तिकार वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि सैनिक कल्याण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन प्रेम सिंह बाजौर की ओर ये ये मूर्तियां तैयार करवाई जा रही हैं। पूरे राजस्थान के शहीदों की कुल 1170 मूर्तियां वे तैयार करवा रहे हैं। गत ढाई साल में वह 400 से ज्यादा मूर्तियां तैयार कर चुका है।

इन मूर्तियों को बनाने में वीरेन्द्र सिंह का पूरा परिवार जुटा हुआ है। बेटी रीतू कंवर, बेटा दीपेन्द्र व पत्नी मंजू कंवर भी शहीदों की मूर्तियां बनाने में पूरा सहयोग करते हैं। इसके अलावा उसने कारीगर भी लगा रखे हैं। वे जो मूर्तियां बना रहे हैं उनमें 1948 से लेकर 1999 तक शहीद हुए फौजी शामिल हैं।
1965 में भारत-क के बीच हुए युद्ध में गांव थली के रामजी लाल गुर्जर भी शहीद हो गए थे। वींरागना सुगनी देवी व उनके पौत्र महक सिंह ने बताया कि शहीद की मूर्ति हम सभी को देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाने के साथ ही शहीद की याद हमेशा बनाए रखने की प्रेरणा देती है।

वहीं 1971 के युद्ध में पिलानी के कुलहरियों का बास निवासी नायक बजरंग लाल भी शहीद हो गए थे। उनके बेटे सुरेश कुमार ने बताया कि बच्चों व युवाओं को पता ही नही है कि गांव में देश पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले कौन हैं।

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