Samachar Nama
×

रोहतास : CID ने जब्त की CISF जवान की इंसास राइफल, एक श्रद्धालु की जांघ से निकली थी इससे चली गोली; अनुराग का हत्यारोपी अबतक फरार

मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन कांड के करीब 8 महीने बाद भी श्रद्धालु अनुराग पोद्दार के हत्यारोपी पुलिस पदाधिकारी सुशील कुमार को CID के विशेष टीम गिरफ्तार नहीं कर पाई है। घटना के बाद करीब छह महीने तक वे मुंगेर जिला में ही पदस्थापित रहे थे। लेकिन, जांच कर रही की टीम ने दुर्गा प्रतिमा विसर्जन
रोहतास : CID ने जब्त की CISF जवान की इंसास राइफल, एक श्रद्धालु की जांघ से निकली थी इससे चली गोली; अनुराग का हत्यारोपी अबतक फरार

मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन कांड के करीब 8 महीने बाद भी श्रद्धालु अनुराग पोद्दार के हत्यारोपी पुलिस पदाधिकारी सुशील कुमार को CID के विशेष टीम गिरफ्तार नहीं कर पाई है। घटना के बाद करीब छह महीने तक वे मुंगेर जिला में ही पदस्थापित रहे थे। लेकिन, जांच कर रही की टीम ने दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान तैनात CISF के एक जवान की 5. 56 MM की सरकारी इंसास राइफल संख्या 16517836 को जब्त की है। इसे बिहार पुलिस मुख्यालय पटना में रखा गया है। सबूत के तौर यह रायफल अहम कड़ी है। तत्कालीन SP लिपि सिंह का कहना था कि सुरक्षा बलों ने गोली नहीं चलाई है, जबकि घटना के दौरान वासुदेवपुर निवासी एक जख्मी श्रद्धालु की जांघ से जो गोली निकाली गई, वह गोली इसी इंसास राइफल से चली थी।
आंध्र प्रदेश निवासी CISF के जवान गंगेश गंगैया ने विभागीय जांच में आत्मरक्षार्थ 13 राउंड फायरिंग की बात स्वीकार की थी, जिससे मुंगेर पुलिस की नींद उड़ा दी थी।
जांच में भेजने के लिए CISF विशेष टीम के DSP प्रमोद कुमार राय ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में प्रतिवेदन दिया है। जिसे प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अखिलेश पांडेय ने स्वीकार भी कर लिया है।
गौरतलब हो की तत्कालीन SP लिपि सिंह ने मुंगेर गोली कांड के मामले में आननफानन में पुलिस को क्लीन चिट देते हुए इसे आपराधिक घटना बताई थी। लेकिन, घटना के बाद जवान गंगेश गंगैया द्वारा गोली चलाने की स्वीकारोक्ति व CISF की आतंरिक रिपोर्ट ने खलबली मचा दी थी। इस गोली कांड में कई लोग गोली से जख्मी हुए थे। गोली लगनें से अनुराग पोद्दार की न सिर्फ मौत हुई थी बल्कि जख्मी एक श्रद्धालु की जांघ से इंसास की ही गोली को हीं पिलेट चिकित्सकों ने निकाला भी था। दैनिक भास्कर ने इसे प्रमुखता से उठाया भी था। हत्या से जुड़े दो मामलों कोतवाली कांड संख्या 298/20 एवं 311/20 की जांच CID की टीम कर रही है । उन्होंने दोनों मामलों में राइफल की फोरेंसिक जांच के कोर्ट में प्रतिवेदन दिया है, जिसे कोर्ट ने स्वीकृति भी किया है।

Share this story