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क्या आपको भी नहीं मिल रही कार्य में सफलता, तो आज पढ़ें सूर्यदेव की आरती

हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को किसी न किसी देवी देवता की पूजा के लिए विशेष माना गया हैं वही रविवार का दिन भगवान सूर्य नारायण का दिन होता हैं और आज रविवार ही है आज के दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से सुख समृद्धि और मान सम्मान के साथ साथ कार्य
क्या आपको भी नहीं मिल रही कार्य में सफलता, तो आज पढ़ें सूर्यदेव की आरती

हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को किसी न किसी देवी देवता की पूजा के लिए विशेष माना गया हैं वही रविवार का दिन भगवान सूर्य नारायण का दिन होता हैं और आज रविवार ही हैक्या आपको भी नहीं मिल रही कार्य में सफलता, तो आज पढ़ें सूर्यदेव की आरती आज के दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से सुख समृद्धि और मान सम्मान के साथ साथ कार्य में सफलता हासिल होती हैं क्या आपको भी नहीं मिल रही कार्य में सफलता, तो आज पढ़ें सूर्यदेव की आरतीभगवान सूर्य नारायण की पूजा रविवार के दिन विधि पूर्वक करने के बाद भगवान की आरती करने से सूर्यदेव की विशेष कृपा भक्तों को प्राप्त होती हैं और जीवन में आने वाले सभी कष्टों और दुखों का नाश होता हैं भगवान की कृपा से रूके कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं और जीवन में खूब तरक्की होती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान सूर्यदे की आरती।क्या आपको भी नहीं मिल रही कार्य में सफलता, तो आज पढ़ें सूर्यदेव की आरती

यहां पढ़ें श्री सूर्य आरती—

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।क्या आपको भी नहीं मिल रही कार्य में सफलता, तो आज पढ़ें सूर्यदेव की आरती

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